हमारे स्कूल के दिनों के मित्र समरेंद्र शर्मा ने भी आखिरकार ब्लॉग जन गण और मन बना ही लिया। समरेंद्र इस ब्लॉग के माध्यम से सामाजिक और जनहित के मुद्दों पर चर्चा करना और अपनी राय रखना चाहते हैं। आईए हम समरेंद्र से आपका परिचय करवाएं। समरेंद्र और हममें दो समानताएं तो साफ नज़र आती है, पहली तो यह कि हम दोनो ही कंडील/चश्मिश हैं और दूजा यह कि हम दोनो का ही घर मे नाम संजू है। स्कूल के दिनों के हमारे साथी समरेंद्र से स्कूल के बाद मुलाकात यदा-कदा ही होती रही फिर जब हम पत्रकारिता में आए तो पाया कि समरेंद्र भी उन्ही दिनों अपनी कलम की धार तेज करना सीख रहे थे, तब वह स्थानीय अखबार अमृत-संदेश में थे और हम जनसत्ता में। अमृत-संदेश के बाद वह देशबन्धु में पहुंचे जिसे हम पत्रकारिता का एक पूरा स्कूल ही मानते हैं। देशबन्धु में अपनी धार पैनी करने के बाद समरेंद्र एक अरसे तक सहारा के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ पर केंद्रित न्यूज़ चैनल में बतौर स्ट्रींगर जुड़े रहे और फिर व्यक्तिगत कारणों से यह स्ट्रींगरशिप छोड़कर वरिष्ठ पत्रकार सुनील कुमार जी के संपादन में निकलने वाले सांध्य दैनिक छत्तीसगढ़ में सिटी रिपोर्टर की भूमिका निभा रहे हैं।
आशा है आप सभी का स्नेह और मार्गदर्शन समरेंद्र और उसके ब्लॉग जन गण और मन को भी मिलेगा।
शुभकामनाएं समरेंद्र
11 February 2008
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6 टिप्पणी:
अच्छा है संजीत भाई ऐसे ही लोगों को ब्लॉग्गिंग से जोड़ते रहिये
बधाई, एक ऒर शख्स की हौसलाअफज़ाई के लिये.
आपके दोस्त समरेंद्र जी का स्वागत है इस ब्लॉगिंग की दुनिया मे।
और हाँ आपने शायद हेडर बदला है ,पसंद आया नया रुप आपके ब्लॉग का।
जन-गण+मन देखते रहेंगे।
हमारा परिचय तो करा दिया समरेंद्र जी से, अब उनको भी परिचय दिजिए हम सब का। स्वागत है समरेंद्र जी का
स्वागत है।
धन्यवाद संजीत इस भले काम के लिये।
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