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21 December 2007

जादू टोने वाली खबर पर अमित जोगी का जवाब

कल की हमारी पोस्ट "मुझ पर भी किया गया जादू-टोना" पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी के पुत्र श्री अमित जोगी ने टिप्पणी करते हुए इस बात को गलत ठहराया है। श्री जोगी ने अपनी टिप्पणी में जो कहा है वह इमेज फ़ॉर्मेट में यहां पर प्रस्तुत है।






उन्हें जवाबी मेल जो हमने भेजा है वह भी यहां पर प्रस्तुत है।



अमित जी,

आशा है कुशल मंगल होंगे।

आप ब्लॉग पर आए व आपने अपने कथन से वस्तुस्थिति स्पष्ट की इसके लिए मैं आपका आभारी हूं। नवभारत समाचार पत्र में यह खबर 19 दिसंबर को रायपुर संस्करण में मुंगेली डेटलाईन से छपी है जिसके क्रेडिट लाईन में "कार्यालय" उल्लेखित है। अगर यह खबर गलत है तो इसे पढ़ने वाले के मन में क्या भाव उत्पन्न होंगे यह आप खुद समझ सकते हैं,ऐसा ही भाव मेरे मन में उठा जिसे मैनें अपने ब्लॉग में व्यक्त कर दिया। अगर इससे आपकी भावनाओं को ठेस पहुंचती हो तो मैं खेद प्रकट करता हूं। और आपके कमेंट को भी ब्लॉग पर एक पोस्ट के रूप में सामने रखता हूं ताकि पाठकों तक आपका पक्ष भी पहुंचे।

शेष शुभ
संजीत त्रिपाठी

20 टिप्पणी:

Shiv Kumar Mishra said...

संजीत,

भाई अमित जोगी जी ने तुरंत मामले के बारे में बता कर अच्छा ही किया....मुझे सबसे अच्छा ये लगा कि उन्होंने देर नहीं की.

आज देश को ऐसे ही नौजवान राजनीतिज्ञों की जरूरत है जो तुरंत काम करें...छत्तीसगढ़ को अमित जोगी जी के रूप में एक अच्छा नेता मिलेगा, इस बात में मुझे कोई संदेह नहीं है.

बालकिशन said...

क्या मित्र ये क्या खेला है?
सब कुछ घुमा कर रख दिया.
समझ मे नहीं आ रहा क्या कहूँ?
फालतू मे किसी की ऐसी-तैसी करवा दी.
लोग-बाग भी पिलम पड़े की चलो नेता है अपन भी थोड़ा धो दें.

आज पहली बार एक नेता के प्रति सुहान्भुती जागी है इसके लिए आपको बधाई.

Sanjay Karere said...

ठीक किया संजीत.

ALOK PURANIK said...

इससे ब्लागिंग की ताकत का पता चलता है। फौरन से उन्होने रियेक्शन दिया माने आपके ब्लाग को सीरियसली लिया। वरना यह क्लेम तो अब कई अखबार व चैनल भी नहीं कर सकते, कि उन्हे सीरियसली लिया जाता है।

Gyan Dutt Pandey said...

अजित जोगी ने रिकार्ड सीधा कर अच्छा किया। पर मैं आपके ब्लॉग को लिन्क कर पराविज्ञान पर लिखने की सोच रहा था - वह चौपट हो गया। :-)

संजय बेंगाणी said...

तुरंत जवाब! क्या बात है.

इनके जवाब को हिन्दी में भी टंकित कर देते तो हमारा जैसो को सहुलियत हो जाती.

इष्ट देव सांकृत्यायन said...

लिखने वाला काम तोता आप ऐसे भी कर सकते हैं महराज! संदर्भ की का जरुरत है. नेता लोग अपनी बाट से पलटते कितना तेज हैं, यह कौन नहीं जानता? इसके पहले मनमोहन संघ भी बता चुके हैं की उनको मरवाने के लिए हवन करवाया जा रहा है. ये संदर्भ काफी हैं.

Anonymous said...

I am fan of "Sir" being very dynamic personality from a village boy to what he is today. Amit ji is very active and what he did today is need of time. No politician in Chhattisgarh is net aware except Amit ji (My opinion). It is the power of net which bring forward what prople think. Sanjit ji has done brave job to express the feeling of a common man after reading new paper coverage. Amit ji must be knowing it happens many times. The ground realty takes different shape in reporting due to several reasons like views, context and all that. The news about Tona is burning example. It is first time in history , i again stress , for first time in history the other side of news came in light due to two young person.

Amit ji if you are reading please look at it when it can happens with a personality like "Sir" then what to say of common people.

Internet is the only platform which can cater to the need of discussion in every topic small or big.

Other media form are limited in holding facts repository compared to internet.

This revolutionary step taken by Amit ji to devot time on net and effectively using it is certainly path followed by all people.

I will conitune my view later.

Again request Amit ji to continue debating this incident and promoting and developing a healthy trend of News Blog for Chhattisgarh.

Sanjeet Tripathi said...

बेनामी बंधु, ब्लॉग पर आने व टिप्पणी करने का शुक्रिया पर आपको ये नक़ाब ओढ़ने की क्या जरुरत पड़ गई भाई। अपना नाम तो लिख सकते थे ना।
खैर!! शुक्रिया फ़िर से।

रवि रतलामी said...

सचमुच यह ब्लॉग की ताक़त है, जिसने अमित को यहीं पर स्पष्टीकरण देने को बाध्य किया. मगर उनका स्पष्टीकरण भी गले से उतरने वाला नहीं है - क्योंकि वे खुद मान रहे हैं कि अजीत जोगी ने वाहन पर बाल और नींबू पाए जाने की बात की थी...

36solutions said...

ब्‍लाग शक्ति जिंदाबाद ।

ghughutibasuti said...

सच क्या है यह कौन जाने ? परन्तु यह सच है कि खबरें गढ़ी भी जाती हैं व बातों को तोड़ा मरोड़ा भी जाता है । यदि अखबार भरने की समस्या है तो हम जैसों की कहानी, कविताएँ छापकर अखबार भी भरे जा सकते हैं और थोड़ी सी हमारी जेब भी ।
:)
घुघूती बासूती

Anita kumar said...

खबर सच्ची थी य नहीं पता नहीं लेकिन ब्लोग की ताकत सच्ची है और वो भी हिन्दी ब्लोग की

रंजू भाटिया said...

ब्लॉग शक्ति असर करती है ...वाह !!इस का मतलब हिन्दी ब्लॉग का भविष्य बहुत उज्जवल है ..साथ में हम लिखने वालों का भी :) :)

अपने से बाहर said...

संजीत जी, आपकी उदार शुभकामनाओं के लिए अत्यंत आभारी हूँ, मैंने भी अभी पहली दफ़ा आपका ब्लॉग देखा, अच्छा लगा, आता रहूँगा दस्तक देने...

अपने से बाहर... said...

संजीत जी, उदार शुभकामनाओं के लिए आभारी हूँ, आपका भी ब्लॉग देखा, अच्छा लगा।

Pramendra Pratap Singh said...

वाह संजीत भाई अच्‍छा काम किया।

किन्‍तु पुराना लिंक न काम करने से माजरा समय में नही आया :(

अजित वडनेरकर said...

वाह , संजीत बधाई
आपकी उस पोस्ट पर टिप्पणी लिखता इससे पहले ये आ गई। वाकई ब्लाग की ताकत का अहसास करानेवाला प्रसंग है। बाकी कौन सही, कौन ग़लत - ये सब तो चलता रहता है।

Pankaj Oudhia said...

चलो संजीत के ब्लाग मे कुछ हरबल तो आया। मेरे विचार से नीबू लटकाने की जगह निचोडकर पीना ज्यादा लाभकारी है। :)

गरिमा said...

पूरी कहानी समझ मे नही आयी, या समय की कमी के कारण पढ़ा ही नही, पर जहाँ तक जादू टोने की बात है, तो बन्धुओ मुझसे पुछिये, डॉ, इंजीनियर, नेता, सब इस लपेट मे हैं, कुछ तो ऐसे प्रतिष्ठित लोग भी जो अपना नाम भी बताने से शर्माते हैं, ताकि लोग उनका मजाक ना बनाये, क्यूँकि वो खुद सबके सामने जादू टोने का मजाक बनाते हैं।

भाई ये खेल समझ मे नही आता... हाँ इतना कह सकती हूँ जिसको यकिन करना है करे, नही करना है ना करे, हम इस पचड़े मे क्यूँ पड़े?

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