आज के लड़के चाहते हैं कुछ ऐसा कि
"ऐसी अपनी वाईफ़ हो"
ऐसी अपनी वाईफ़ हो,
5'6"-5'8" जिसकी height हो,
Jeans जिसकी tight हो,
चेहरा जिसका bright हो,
Weight में थोड़ी light हो,
उमर में difference slight हो,
थोड़ी सी वो quiet हो,
ऐसी अपनी वाईफ़ हो,
सड़क पर सब कहें क्या cute हो,
भीड़ में सब कहे side हो side हो,
India की पैदाईश हो,
सास की सेवा जिसकी ख्वाहिश हो,
ऐसी अपनी वाईफ़ हो, .
पड़ोसी जब बात करे हाथ में knife हो,
Dinner candle light हो,
दोनो में ना कभी fight ho,
मिलने के बाद दिल delight हो,
हे प्रभु तेरी अर्चना उसकी life हो,
ये कविता पढ़के सब कहे "गुरु तुम right हो",
ऐसी अपनी वाईफ़ हो,
काश ये concept .0001 percent भी right हो,
अगर ऐसी अपनी wife हो,
तो क्या हसीन life हो,
हर किसी की यही फ़रमाईश हो,
ख़ुदा के software में भी bug की ना गुंजाईश हो,
ऐ काश, कहीं तो एक ऐसी पैदाईश हो!
वहीं आज की लड़की चाहती है कुछ ऐसा कि
"ऐसा अपना Husband हो "
ऐसा अपना Husband हो,
6'-6'2" जिसकी height हो,
Jeans ढीली मगर body tight हो,
बीवी का हर नखरा उठाए, इतना मिज़ाज़ उसका light हो,
Husband अपना ऐसा bright हो,
उफ़्फ़ तक ना करे इतना quiet हो,
Dinner बनाए वो जब भी romantic night हो,
Shopping कर के जब भी आऊं, बोले बेग़म तुम कितनी nice हो,
Husband अपना ऐसा bright हो,
मुझे रानी बनाकर रखे, तो फ़िर ज़िंदगी delight हो,
सास-ससुर के सामने कहे, जान तुम हमेशा right हो,
हमेशा जो हार मान जाए, जब भी कभी fight हो,
Husband अपना ऐसा bright हो,
जहां चाहूं जाऊं, जो चाहे करूं, कुछ इस तरह की life ho,
हर दूसरे week घुमने-फ़िरने की flight हो,
ऐसा हो जाए तो मैं उड़ूं आसमान में, जैसे kite हो,
Husband अपना ऐसा bright हो,
यह रचना तीन साल पहले मुझे यह एक फ़ारवर्डेड ई मेल मे मिली थी। न इसके रचियता की जानकारी है न ही इसके मूल स्त्रोत की।
ऐसी अपनी वाईफ़ हो,
5'6"-5'8" जिसकी height हो,
Jeans जिसकी tight हो,
चेहरा जिसका bright हो,
Weight में थोड़ी light हो,
उमर में difference slight हो,
थोड़ी सी वो quiet हो,
ऐसी अपनी वाईफ़ हो,
सड़क पर सब कहें क्या cute हो,
भीड़ में सब कहे side हो side हो,
India की पैदाईश हो,
सास की सेवा जिसकी ख्वाहिश हो,
ऐसी अपनी वाईफ़ हो, .
पड़ोसी जब बात करे हाथ में knife हो,
Dinner candle light हो,
दोनो में ना कभी fight ho,
मिलने के बाद दिल delight हो,
हे प्रभु तेरी अर्चना उसकी life हो,
ये कविता पढ़के सब कहे "गुरु तुम right हो",
ऐसी अपनी वाईफ़ हो,
काश ये concept .0001 percent भी right हो,
अगर ऐसी अपनी wife हो,
तो क्या हसीन life हो,
हर किसी की यही फ़रमाईश हो,
ख़ुदा के software में भी bug की ना गुंजाईश हो,
ऐ काश, कहीं तो एक ऐसी पैदाईश हो!
वहीं आज की लड़की चाहती है कुछ ऐसा कि
"ऐसा अपना Husband हो "
ऐसा अपना Husband हो,
6'-6'2" जिसकी height हो,
Jeans ढीली मगर body tight हो,
बीवी का हर नखरा उठाए, इतना मिज़ाज़ उसका light हो,
Husband अपना ऐसा bright हो,
उफ़्फ़ तक ना करे इतना quiet हो,
Dinner बनाए वो जब भी romantic night हो,
Shopping कर के जब भी आऊं, बोले बेग़म तुम कितनी nice हो,
Husband अपना ऐसा bright हो,
मुझे रानी बनाकर रखे, तो फ़िर ज़िंदगी delight हो,
सास-ससुर के सामने कहे, जान तुम हमेशा right हो,
हमेशा जो हार मान जाए, जब भी कभी fight हो,
Husband अपना ऐसा bright हो,
जहां चाहूं जाऊं, जो चाहे करूं, कुछ इस तरह की life ho,
हर दूसरे week घुमने-फ़िरने की flight हो,
ऐसा हो जाए तो मैं उड़ूं आसमान में, जैसे kite हो,
Husband अपना ऐसा bright हो,
यह रचना तीन साल पहले मुझे यह एक फ़ारवर्डेड ई मेल मे मिली थी। न इसके रचियता की जानकारी है न ही इसके मूल स्त्रोत की।
17 टिप्पणी:
कविता बढि़या है, और उससे भी मस्त है चित्र
लड़कों को ऐसी वाइफ नहीं गर्लफ्रेन्ड चाहिये होती है, बीवी तो ऐसी चाहिये जो गाय जैसी सीधी हो, सास-ससुर की सेवा करें, कमा कर भी लाये, घर का काम भी करे।
हां पति जरूर ऐसा ही चाहिये सभी लड़कियों को
मनीषा
हिंदी बात
दो तीन पोस्ट से देख रहा हूं.. दिल बल्लियों उछलकूद मचा रहा है। क्या गुरू.. ठीक तो है ना सब या कोई सैटिंग हो गई ?
सैट करो.. सैट करने दो.. जीयो और जीने दो.
बहुत पहले कहीं पढ़ी थी यह मगर इतनी चित्रमय नहीं. :)
ईश्वर आपकी कामना पूरी करे जितनी बन पड़े. :)
वाह क्या बात है।अभी तक तो दाल में कुछ ही काला लग रहा था मगर यहां तो पूरी दाल ही काली है। ईश्वर करें तुम्हारी कामना अतिशीघ्र पूरी हो। पर एक बात कहें देते हैं-
लडकों की थिंकिंग चाहे राइट हो
जिन्दगी डिलाइट हो
आफ्टर टेन इयर बाद
"कहां फंस गया यार"
कुछ इस तरह की राय हो।
तो हमें दोष ना देना कि समझाया न था।
वाह…वाह…वाह… क्या शानदार ढंग से पिरोया है आपने दो अस्तित्वों की भीतरी चाहत को…
मजा आगया… :)
मनीषा जी , मै आपकी बात से शत प्रतिशत सहमत हूँ...!!
शीर्षक होना चाहिए था ----
" चाहत आज के युवा-युवतियों की "
गम्भीर मुद्दों पर लिखने वाले बहुत हैं. हल्की-फुल्की मस्ती भी होनी चाहिए.
वाह वाह्…।क्या खिचड़ी पक रही है जी… हमारी शुभकामनाएं आप के साथ हैं।
वाह! मुरादें पूरी हों।
आपके अन्दर का कवि जागा है
पता नही दिल किस ओर भागा है
आगे क्या-क्या गुल खिलेंगे
कौन जाने, किससे आप मिलेंगे
बस इतनी हम सबकी शुभकामनाए
आपका जीवन खुशियो से भर जाए।
संजीत,
अरमान अच्छे हैं...स्वाभाविक भी...'हिन्दी के साथ अंग्रेज़ी' में कविता और भी अच्छी लगी.
सही जा रे हो प्यारे। अब तुम्हारे नार्मलत्व में मेरा भरोसा जम रहा है।
येल्लो! टाइम कित्ता बदल गया। काका हाथरसी के जमाने में था -
बीवी चाहे काली हो,
लेकिन पैसे वाली हो।
:-)
येल्लो, टाइम कित्ता बदल गया!
काका हाथरसी के जमाने में था -
बीबी चाहे काली हो,
लेकिन पैसे वाली हो।
:-)
चाहिए तो हमें भी थी ऐसी ही जीन्स वाली कोई होगी तो बताना भाई पर हां उसे अपनी ये कविता मत पढाना नहीं तो वो मुझे छोडकर आपके पास चली जाएगी ।
हा हा हा, अडबड सुघ्घर कविता पेश करे हस भाई काली ले मजा लेवत हौं, फोटू अउ कविता दोनो के ।
हसरतें ही हसरतें हैं !
इन्हें सच करने की दिशा में कोई कदम तो उठाओ ।
घुघूती बासूती
yeh toh sabse sahi hai sanjeet ji mast ek dum
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