यादें कॉलेज के दिनों की
वो कॉलेज का First Year,
घूर कर Seniors का कहना Come Here,
Seniors को देखते ही उड़ जाते थे होश,
मस्ती-मज़ाक भूल जाते, कम पड़ जाता जोश!
3rd Button की ओर देखना, और 90 wish मारना,
ज़रा सी गलती करने पर वो Seniors का डाटना,
Normal का तो पता नही, पर Technical Intro रटा होता था,
Class के लड़कों को भले ही ना जानते हों, लड़कियों का पूरा पता होता था!
Present लगती थी Canteen में,
class में लगती थी Proxy,
Notice Board पे जब भी लगती थी Short List,
चारों तरफ़ लग जाती आग सी!
Claas में दोस्तों को चॉक फ़ेंक कर मारना,
पकड़े जाने पर Teacher से माफ़ी मांगना,
भले ही Lecturer का पढ़ाया समझ नही आता था
फ़िर भी Cross Question करने में बड़ा मज़ा आता था!
Class की किसी लड़की पे ज़ान छिड़कना,
दोस्तों के Comment मारने पर उनसे झगड़ना,
दोस्त से गाड़ी मांग कर लड़की के पीछे जाते थे,
बात तो कभी कर नही पाते, देख कर ही खुश हो जाते थे!
कॉलेज के दिनों की वो यादें,
वो पतली-पतली गाईडें, मोटी-मोटी किताबें,
प्रेक्टिकल करते समय अगल-बगल झांकना,
और Exam में पड़ोसी से खर्रे मांगना!
वो एक रात में पूरा करना Assignment,
Toppers से कॉपी लेने के लिए Fix करना Appointment,
कभी-कभी तो Zerox ही करवा लाते थे,
नकल में भी अकल नही लगाते थे!
वो Preparation Leave का Time और Syllabus को खोजना,
फ़टे में आ जाती थी जानकर कि इतना सब कुछ है पढ़ना,
जिन्होनें Lecture attend किया उनसे समझने जाते थे,
Submission के Time पर, Toppers के भाव बढ़ जाते थे!
Result आने की जैसे ही खबर आती थी,
भगवान से प्रार्थना शुरु हो जाती थी,
वो पास होने पर Party, Dine & Wine,
और रुकने पर कहना " Better Luck Next Time"!
करें Collage के अंतिम दिन की बात,
जब उमड़ पड़े थे, दिल के सारे ज़ज़्बात,
वो रोते हुए गले मिलना और अलविदा कहना,
और चलती Train से कहना "Dear, contact में रहना"!
Collage के उन दिनों को यादों में रखना चाहता हूं,
KEEP IN TOUCH यारों,
बस इतना ही कहना चाहता हूं!
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20 टिप्पणी:
पुराने दिन याद दिला दिया आपने
पुराने दिनों की यादें अतीत के सुनहरे पन्नों पर लिखीं होती हैं. तभी तो कहा जाता है 'ओल्ड इज़ गोल्ड'
अच्छे कविता, खोज खोज कर ला रहे है आप :)
kya kuch yaad aa gaya...badhiya sanjeet ji
क्या अभी आप कालेज में नहीं हैं। अमां लगते तो आज भी आप कालेज के स्टूडेंट हैं, कसम आपके काले चश्मे की।
पुरानी कालेज की यादें सच में बहुत अनमोल होती है .अच्छी पोस्ट है .शुक्रिया शेयर करने के लिए !!
बहुत सही.
वैसे आलोक जी सही कह रहे हैं.
खूब कविता प्रस्तुत की है। याद तो आ ही जाते हैं एक बारगी वे दिन!
आपको पढ़ कर हमने भी क्या-क्यकाया याद किया....
"Result आने की जैसे ही खबर आती थी,
भगवान से प्रार्थना शुरु हो जाती थी"
वाह, क्या सही बात कही है आप ने !!
आजकल मै़ अपने दफ्तर से बाहर हूँ अत: जाल की सुविधा न के बराबर है. अत: टिप्पणिया़ कम हो पा रही हैं. लेख पहले से लिख लिये थे अत: सारथी पर नियमित छप रहे है -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
बढिया लगा पुरानी बातें दिमाग में छा गयी, मजा आया ।
धन्यवाद
मस्ती की पाठशाला की यादें ताज़ा हो गयी ।
बहुत सही उस्ताद ।
Wah mazedar raha sanjit ji :-P
waise jindgi v ek college he hai..!!
अच्छा लगा...............ढेर सारी बातें ज़ेहन में है।
इसी तरह याद दिलाते रहिये।
sanjeet ji bahut hi accha laga yeh sab pad ke thanx aape sach main collehe ke din yaad dila hi adiyee
simply Superb..
सर्वप्रथम आपके द्वारा मुँशी प्रेमचंद जी पर की गयी प्रतिक्रिया पर आपका शुक्रिया....
आपकी रचना गुज़रे दिनों की याद दिलाती है ....
मेरे ब्लॉग के लिंक हैं :-
http://jazbaattheemotions.blogspot.com/
http://mirzagalibatribute.blogspot.com/
http://khaleelzibran.blogspot.com/
http://qalamkasipahi.blogspot.com/
कृपया फॉलो करके उत्साह बढ़ाये ......धन्यवाद
badiya kavita hai.
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