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16 February 2010

प्रभाष जोशी के शोक में जश्न! : एक ईमेल

आज जैसे ही ईमेल बक्सा खोला। देखा एक ईमेल आई है। उसमें ऐसा कुछ नहीं है जिसे निजी की श्रेणी में रखा जाए बल्कि उसे पढ़कर लगा कि उसे विमर्श के लिए ही भेजा गया है। वह ईमेल यहां प्रस्तुत है।

प्रभाष जोशी के शोक में जश्न
" प्रभाष जोशी को गुजरे अभी चार महीने भी नहीं हुए और उनकी शोक सभाओं का सिलसिला पूरे देश में चल रहा है पर उनके कुछ तथाकथित चेलों ने उनके घर के सामने ही होली का जश्न मनाने
 का फैसला किया है.प्रभाष जोशी के चलते जो रिहायशी सोसायटी बनी वहां के चंद लोग इस होली पर जश्न मनाने जा रहे है.इसके लिए ३५० रुपये जबरन चंदा भी लिया जा रहा है ताकि सामूहिक भोज (जिसे इस मौके पर गिध्द भोज कहना ज्यादा  उचित होगा ) हो और होली का बाकी कार्यक्रम हो सके .इस बारे में जनसत्ता के कुछ पत्रकारों  ने विरोध भी किया लेकिन सोसायटी के कर्ताधर्ता जो अपने को भारत सरकार मानते है वे चंदा  उगाहने में जुटे हुए है.


ज्यादातर लोगो का कहना है कि प्रभाष जी के कुछ महीने पहले हुए निधन को देखते हुए  कोई सामूहिक जश्न और भोज का कार्यक्रम नहीं किया जाना चाहिए .उनका परिवार और  उनके करीबी लोगो को यह सब बुरा भी लगेगा पर फिर भी उनके तथाकथित चेले जश्न  मनाने में जुटे हुए है.    इससे पहले इलाहाबाद में जिस आदमी के खिलाफ प्रभाष  जोशी आन्दोलन करने गए थे और कहा था "अगर सर कटाने की बात आई तो पहला  व्यक्ति मै होऊंगा",उसी आदमी की चौखट पर उनकी अस्थिया रख कर उनका अनादर  क्या जा चुका है.इसे लेकर इलाहाबाद के छात्र अपनी नाराजगी भी जाता चुकें है. अब दूसरा तमाशा शुरू हो रहा है. "

आप भी पढ़ें, सोचें, गुनें और कहें अगर कुछ कहना चाहें तो ....

8 टिप्पणी:

Anonymous said...

यह सब कृत्य प्रचारित होने के लिए किया जाता है। ऐसे कई मामले देश-दुनिया में दिखाई दिए हैं।

कडुवासच said...

... मोहल्ले के लोग इतने बेबक्कूफ़ तो नही होना चाहिये,अगर हैं तो बहुत शर्मिंदगी की बात है !!!

Gyan Dutt Pandey said...

लोग तो लोग ही होते हैं। :(

Urmi said...

आपको और आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनायें !

शरद कोकास said...

इधर सम्वेदनायें गुम होती जा रही है । उसका ही परिणाम है यह ।

sonia shrivastava said...

in todays life people have lost thair sensitivness.this whst i can say.

Satish Saxena said...

आपका ब्लाग विशिष्ट है सो आपसे सतत लेखन भी अपेक्षित है भैया .......
शुभकामनायें !!

अबयज़ ख़ान said...

संजीत जी बहुत अच्छा लगा, आप मेरे ब्लॉग पर आए.. मेरी हौसला अफज़ाही की..बहुत बहुत शुक्रिया.. एक और बात आपके ब्लॉग की भाषा बहुत खूबसूरत है.. आखिर एक आदमी का ब्लॉग जो है...

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