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11 February 2010

विनोद कुमार शुक्ल के नाम पर स्पैमर्स का धावा?

भला इंटरनेट पर स्पैम हमला करने वालों को  साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध कवि, लेखक विनोद कुमार शुक्ल से क्या लगाव हो सकता है?

यह मुद्दा अपनी समझ से बाहर है। दरअसल यह बात इसलिए दिमाग में आई क्योंकि फरवरी  2008 में लिखी हुई  मेरी  एक पोस्ट विनोद कुमार शुक्ल और उनकी सादगी पर कमेंट के रुप में बहुत ज्यादा स्पैम आ रहे हैं।










 हैरत यह होती है कि क्यों,इतना ज्यादा इसी पोस्ट पर क्यों, अन्य किसी पर क्यों नहीं?
 संभवत: यह कारण हो सकता है कि विनोद कुमार शुक्ल जी  से जुड़ी सामग्री सर्च इंजनों में बहुत ज्यादा तलाशी जाती हो।

बीते कुछ दिन में तो यह स्पैम अटैक और ज्यादा तेज हुआ है।

इस बारे में तकनीकी जानकार शायद कुछ जानकारी दे सकें।

2 टिप्पणी:

शरद कोकास said...

भई यह तकनीकी कारण तो हमे पता नही..इस बहाने हमने आपकी पोस्ट ज़रूर पढ़ ली । अच्छी पोस्ट के लिये बधाई ।

Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय) said...

अच्छा, हमे भी काफ़ी स्पाम्स का सामना कर पड रहा है आजकल, भर भर के आ रहे है... :)

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