मुंबई से प्रकाशित होने वाले अखबार " मुंबई मिरर " में शुक्रवार 8अगस्त को एक रपट छपी है। रपट नागपुर से नक्सल गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार अरूण फरेरा के नार्को टेस्ट के बारे में है। खबर के मुताबिक नार्को टेस्ट के दौरान फरेरा ने जानकारी दी कि माओवादियों को मुंबई में अपनी गतिविधियों के लिए बाल ठाकरे शिव सेना और भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से फंड मिला है।
हालांकि यह बात सर्वविदित है कि नार्को टेस्ट रपट को बतौर सबूत कोर्ट में मान्यता नही दी जाती है। लेकिन इसका उपयोग पुलिस अपनी आगे की जांच के लिए करती है। क्या महाराष्ट्र/मुंबई पुलिस इस नार्को रपट में जो नाम सामने आए है उस पर आगे जांच पड़ताल करने का माद्दा रखती है?
ध्यान रहे एक जमाने में नक्सलवाद महाराष्ट्र के ही रास्ते छत्तीसगढ़ (तब यह मध्यप्रदेश का एक हिस्सा था) में दाखिल हुआ था।
10 August 2008
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13 टिप्पणी:
चौंकाने वाला समाचार है/
सब गोल माल हे, वोट लेने के लिये,सब कुछ हो सकता हे, क्या पुलिस, क्या नार्को टेस्ट,दुसरे को बदनाम करो, वाह री राज नीति
यानी परदे के पीछे, लाल झंडा और भगवा झंडा एक साथ खड़े हैं? मुझे भी आश्चर्य है.
सच में बहुत अजीब बात है। समझ में नहीं आती। शिव सेना और भाजपा का क्या स्वार्थ सिद्ध हो सकता है?
कुछ दिनों में सच सामने आ ही जाएगा।
badhai sanjeet
विश्वास नहीं होता!
आश्चर्य...किंतु यदि सत्य है तो बेहद दु:खद..
***राजीव रंजन प्रसाद
सच में बहुत अजीब बात है। समझ में नहीं आती। शिव सेना और भाजपा का क्या स्वार्थ सिद्ध हो सकता है?
-----"यही अगर हम अमझ जाए तो देश का काया कल्प हो जाय."
कुछ दिनों में सच सामने आ ही जाएगा।
------"आज तक कोई सच्चाई सामने आई है जो ये आएगी."
चंदा का फंडा है भाई, कुछ भी हो सकता है .......... पर खबर चौंकाने वाला है ।
प्रस्तुतिकरण के लिये आभार ।
क्या माओवाद और नक्सलवाद एक ही है । आप ने जो पेपर की फ़ोटो लगायी है उसके हैडिंग में तो नक्सल लिखा है बाकी खबर की डिटेल्स तो पढ़ने में नहीं आ रहीं तो पता नहीं अंदर माओवाद लिखा है या नक्सलवाद्। जो भी हो है तो चौंकानेवाली खबर
.
नहीं संजीत भाई..
यह नारको वारको आउटडेटेड हैं
यदि इस दिशा में कोई स्टिंग हुआ हो, तो बतायें
"oh god, aisa bhee hotta hai, cant imagine"
Regards
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