आवारा बंजारा टीवी देखता नहीं अक्सर सिर्फ़ चैनल सर्फ करता रहता है। ऐसे ही आरामतलबी के मूड में चैनल सर्फ किए जा रहा था। एक चैनल पर कश्मीर की कली फिल्म आ रही थी तो अटक गया। तब मेरे साथ मेरा छठीं कक्षा में पढ़ने वाला भतीजा आदेश उर्फ़ गट्टू भी आराम फरमाते हुए टीवी पर नज़रें गड़ाए हुए था।
फिल्म के एक दृश्य में हीरो शम्मी कपूर के दोस्त के रूप में नकली दाढ़ी लगाए हुए अनूप कुमार की दाढ़ी जगह से खिसक गई।
जैसे ही उधर दाढ़ी खिसकी गट्टू मियां ने मुझ पर ऐसा सवाल दागा कि मै चारो खाने चित्त…………
सवाल यह था कि "भगवान लोग दाढ़ी कैसे काटते/बनाते होंगे"?
ये सवाल मैने आप लोगों को पास कर दिया है…
जवाब दीजिए………
05 March 2009
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11 टिप्पणी:
aap apne bhatije ko samjhaye ki bhagwan logon ko dadhi banane ki zarurat hi nahi hoti...kyunki, bhagwan log to ladki hai
:) bhagwaan kitne hain pahle yeh pataa kijiye, bhagwaan log? bhagwaan ko toh daadhi hoti hi nahi permanent
गट्टू भी लगता है तुम्हारी तरह पत्रकार ही बनेगा जभी ऐसे आड़े-तिरछे सवाल कर रहा है,वो भी इस उम्र में।
भगवान दाड़ी बनवाने के लिये धरती पर औतार लेते हैं। :)
संजीत भाई, सनातन सवाल है, इसे पास किए बिना एक ही चारा है कि दर्शन के विद्यार्थी या खुद दार्शनिक हो जाओ।
वैशाली का कहना, तकनीकी रूप से ठीक है।
वैशाली के कथन से सहमत होने को मन तो करता है परन्तु तब और भी बड़े प्रश्न सामने खड़े हो जाते हैं। लड़का होने पर केवल उस्तरे से काम चल जाता परन्तु लड़की होने पर तो न जाने क्या क्या चाहिए। आइ ब्रो प्लकर, या थ्रैडिंग की सामग्री, वैक्सिंग की सामग्री और भी बहुत कुछ। शायद यह कहकर काम चलाया जा सकता है कि वे स्त्री पुरुष से बेहतर मॉडेल हैं। कुछ भी अवांछित उनके शरीर पर नहीं उगता। या फिर कि वे तो हैं ही नहीं। होते तो क्या संसार में यूँ मार काट मचती? या फिर हमें ही कुछ बेहतर क्यों न बनाते?
घुघूती बासूती
गट्टू को फंसाने की बहुत बुरी आदत है
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
सच में - स्वर्ग का कोई ऑथोराइज्ड नाई तो पढ़ने में नहीं आता। और देवताओं के जमाने में सेफ्टी रेजर तो थे नहीं! :)
जब आपके पास जवाब नहीं तो और किसके पास होगा ?
God doesn't have a form, yet all forms are his.
It is we the humans who see him in forms, and our Gods have human characteristics too. This is so that we can connect with Him and hence fulfil the purpose for which we have taken birth.
Yet, in spiritual sense, there is nothing like a body or gender of God, and hence there is no question of hair...
For the avatars who came in human forms, they would use what humans would use - a barber would shave their beard or their head if they don't want to keep...
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