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08 March 2009

आलसी, देर आए दुरुस्त आए, दो साल पर

आवारा बंजारा ने 11 फरवरी 2007 को ब्लॉगजगत में कदम रखा था। ब्लॉगजगत की जानकारी कैसे हुई, किस-किस को पढ़कर ब्लॉगजगत पर आ टपकना हुआ था, इन सब बातों का उल्लेख पिछले साल, साल पूरा होने पर लिखी गई पोस्ट पर लिखा ही जा चुका है।

इस साल तो आवारा न केवल बंजारा रहा बल्कि ब्लॉग लेखन के मुद्दे पर जबरदस्त तरीके से आलसी भी रहा इतना कि 11 फरवरी को पोस्ट डालना ही भूल गया।

2007 में कुल जमा 87 पोस्ट, 2008 में 66 पोस्ट और 2009 में इसे मिलाकर 6 ही पोस्ट लिखी गई। मैं अपने ब्लॉग को देखता हूं और अनिल पुसदकर जी के ब्लॉग को ही देखता हूं जो अप्रैल 2008 में ब्लॉग जगत पर जबरदस्ती लाए गए हैं, मेरी अब तक 200 पोस्ट नहीं हुई जबकि उन्होनें साल पूरा होने से पहले ही 200 पोस्ट कर डाली।
वैसे आवारा बंजारा ने लिखा भले ही कम हो पर एक काम (?) अच्छा यह कि कोशिश यही रही कि ब्लॉग संक्रमण ज्यादा से ज्यादा लोगों को हो। आवारा बंजारा इसमें सफल भी रहा, यही कोशिश आगे भी जारी रहेगी कि नए लोगों को ब्लॉग लिखने के लिए उत्साहित करते रहें।

बहरहाल! देर आए दुरुस्त आए।

ब्लॉग जगत की जो सबसे अच्छी बात मुझे लगी वो यह कि अगर आपको ब्लॉगसंबंधी या तकनीकी कोई भी दिक्कत आ रही है तो यहां फौरन वरिष्ठ ब्लॉगर्स मदद के लिए हाजिर हो जाते हैं।

इसके अलावा इस वर्चुअल जगत से उतर कर यथार्थ में जो संपर्क बनते जा रहे हैं वे काफी मायने रखते हैं।

शुक्रिया आप सभी का

18 टिप्पणी:

Anita kumar said...

संजीत जी दो साल पूरे करने की बधाई। अजी कम लिखा तो गम नहीं, यहां कौन कोई जंग जीतनी है। फ़िर वो कहते हैं न सौ सुनार की एक लौहार की। आप ने जब भी लिखा बहुत ही ज्ञानवर्धक लिखा , आप के चिठ्ठे से हम छत्तीसगढ़ के कितने ही पहलू जान सके।

Satish Chandra Satyarthi said...

बधाई २ साल पूरे करने पर.
पोस्ट कम लिखे तो कोई बात नहीं. अब मेकअप कर लीजिये.

दिनेशराय द्विवेदी said...

संजीत भाई, दो बरस पूरे कर लेने की बधाई! आप की पोस्टें कम भले ही हों लेकिन आप ने ब्लाग जगत के केटेलिस्ट का काम बखूबी किया है। उसे जारी रखें और कोशिश करें कि ब्लाग लेखन में भी निरंतरता बनी रहे।

Anonymous said...

चिट्ठे के दो साल पूरे करने पर हार्दिक शुभ कामना।आलस्य का सातत्य टूटे ।
सप्रेम,
अफ़लातून

Akhil said...

ब्लॉग जगत में सफलता और सजलता पूर्वक २ वर्ष पूरे करने पर बहुत बहुत बधाइयाँ.. आपके पल नवागत समय के परिवेश्म में हों ऐसी कामना है..

आपके ब्लॉग पर हमेशा से quality और quantity के बीच सही तालमेल रहा है. इन २ बर्षों में शायद १५-२० दिन के अलावा हमेशा आपका ब्लॉग चिट्ठाजगत की प्रथम ४० की सूची में हमेशा ही रहा है.. तो पोस्ट की संख्या पर ना जाइये..बस ऐसे ही लिखते रहिये ऐसी शुभकामनाएं हैं..

मेरे लिए ख़ुशी की बात है क्यूंकि आप मेरे बड़े भाई हैं.. :)

आभा said...

दो साल पूरा करने की बघाई लें,आवारा बंजारा को अच्छे और संतुलित लेखों के लिए भी बधाई....

ghughutibasuti said...

दो साल का होने की बधाई। मैं आपसे कुछ ही दिन बड़ी हूँ! ब्लोगरी मैं !!!!!
घुघूती बासूती

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

आपसे हमें बहुत कुछ सीखने को मिला। इन दो वर्षॊं में आपने ब्लॉगजगत को बहुत कुछ दिया। हम तो अभी एक साल के भी नहीं हुए इसलिए छोटे भाई के रूप में पीछे-पीछे चले आ रहे हैं। आपको बधाई और शुभकामनाएं।

Gyan Dutt Pandey said...

सजीत मेरे प्रिय भाई हैं और बधाई देते दिल से खुशी हो रही है।
कुछ वजन बढ़ा या नहीं?

संगीता पुरी said...

दो वर्ष पूरे करने की बहुत बहुत बधाई .... निरंतरता बनाए रखें ... और क्‍या ?

Sanjeet Tripathi said...

शुक्रिया आप सभी का।

@ ज्ञान दद्दा, ऐसा है कि वजन का तो पता नई बढ़ा या नही लेकिन इतना जानता हूं कि पहले सूखी टहनी था अब कम से कम रसभरा गन्ने जैसा हो गया हूं। ;)

anuradha srivastav said...

संजीत ब्लाग जगत में दो साल पूरे करने की बधाई।

मीनाक्षी said...

दो साल होने पर बहुत बहुत बधाई... देर सवेर जब भी आपको पढ़ा , ज्ञान और आनन्द दोनो पाया...ढेरो शुभकामनाएँ

Rahul said...

Achchha laga jaan kar.

Likhte rahiye...

समयचक्र said...

दो साल सफलतापूर्वक पूरे करने पर हार्दिक बधाई.
समयचक्र: रंगीन चिठ्ठी चर्चा : सिर्फ होली के सन्दर्भ में तरह तरह की रंगीन गुलाल से भरपूर चिठ्ठे

समयचक्र said...

संजीत जी
दो साल सफलतापूर्वक पूरे करने पर हार्दिक बधाई.

Anil Pusadkar said...

बधाई दो साल पूरे करने की,और आभार अच्छे परिवार का सदस्य बनाने का।संजीत तुम्हारी बातो से ऐसा लग रहा है कि चेला ताड़ हो गया गुरू गन्ना ही रहा। तो गुरू जी दो सौ नही दो हज़ार भी लिख दे तो भी हम ब्लोग जगत मे तो कहलायेंगे आपके चेले ही।ये बात अलग है कि बाकी जगह हम आपके गुरू है।होली है……………………………………………………

Anonymous said...

लो जी, होली की खुमारी उतरी है, तब आये हैं यहाँ।

दो बरस के होने पर बधाई :-)

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