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16 December 2008

एक एनएसजी कमांडो के साथ कुछ पल

सीने पर खाई गोली, हौसला अब भी बुलंद


सरगुजा जिले के चंदनपुर नाम के ऐसे गांव जहां बिजली नहीं है से निकले, प्रेमनगर ब्लाक से स्कूली पढ़ाई पूरी कर कोरबा से ग्रेजुएट हुए और फिर आर्मी ज्वाईन कर वर्तमान में एनएसजी कमांडो दिनेश साहू ने पिछले दिनों मुंबई में हुए आतंकी हमले के दौरान अपने सीने पर गोली झेली थी। तब वे बुलेटफ्रूट पहने हुए थे। छुट्टियों में अपने घर आए श्री साहू राजधानी के प्रेस क्लब में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम के दौरान अपने अनुभव बांट रहे थे।


माता-पिता के साथ दो भाई एक बहन के परिवार वाले दिनेश के पिता पन्नालाल साहू कोरबा में एएसआई है तो मां सुमित्रा साहू गृहणी हैं। उन्होंने 2002 में आर्मी ज्वाईन की और 2006 में उनका चयन एनएसजी में हुआ। इस वक्त वे एस-वन, एसएजी यूनिट में हैं जबकि पूर्व में गार्ड रेजीमेंट में पदस्थ थे। उन्होंने बताया कि 27 नवंबर की रात करीब 11 बजे होटल ताज पहुंचे जहां कमांडो की टीम बांटी गई। इनकी टीम में कुल चार सदस्य थे। अंदर घुसने से पहले यह मालूम ही नहीं था कि अंदर की बनावट कैसी है, स्ट्रक्चर कैसा है। सर्च करते हुए दूसरे माले पर जब पहुंचे तो हर कमरे का दरवाजा खुलवाकर नागरिकों को निकाला जा रहा था। ऐसे ही एक कमरे का दरवाजा खोलते ही थम गए। दिनेश के मुताबिक वे सबसे आगे थे व अन्य तीन कमांडो उनके पीछे। जैसे अंदर घुसे वैसे ही अंदर से फायरिंग शुरु हो गई। चूंकि दिनेश सबसे आगे थे तो एक गोली उनके सीने पर आकर टकराई। दिनेश बताते हैं कि आमतौर पर बुलेटफ्रूफ पहने होने से गोली सीने से टकराकर ऊपर की ओर मुड़ती है जिसके ठुड्डी में जा लगने का खतरा होता है पर वे थोड़ा झुके हुए थे इस कारण गोली ऊपर मुड़ने की बजाए नीचे मुड़ गई और वे बच गए। हालांकि इसके चलते उनके सीने में फैक्चर हो गया।


दिनेश बताते हैं कि यह एक जोखिम भरा काम था क्योंकि आतंकी किस कमरे में छिपे है कोई अनुमान ही नहीं था। ऑपरेशन पर जाने से पहले फोन पर अपने घरवालों को सूचना इसलिए नहीं दी क्योंकि इससे घरवाले परेशान होते लेकिन अपने बचपन के दोस्त राजू को फोन पर बताया था।


अपने सीने पर गोली झेलने वाले इस जाबांज ने युवाओं के नाम अपने संदेश में कहा कि अगर वे आर्मी में आएं तो बहुत की अच्छा होगा। अगर किसी कारणवश न आ सकें तो कम से कम अपने आसपास मौजूद आतंकी, नक्सलियों व गुंडे-बदमाशों की पहचान कर जानकारी पुलिस या सेना को देकर एक जिम्मेदारनागरिक होने का फर्ज निभाएं।

9 टिप्पणी:

Anil Pusadkar said...

बढिया संजीत

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

SHAI HAI. GOOD. NARAYAN NARAYAN

seema gupta said...

सीने पर खाई गोली, हौसला अब भी बुलंद

" jai javan"

regards

Gyan Dutt Pandey said...

बहुत प्रेरक प्रसंग।

ghughutibasuti said...

साहू जी को हमारा धन्यवाद व सलाम । भविष्य में भी भाग्य उनके साथ रहे यह कामना करते हुए
घुघूती बासूती

Urban Jungli said...

Bahut badhiya Bhaiya..
Sahu ji ko humara salaam..

सुशील छौक्कर said...

साहू जी को हमारा सलाम।

Anita kumar said...

इस जांबाज सिपाही को मेरा सलाम, भगवान करे इन्हें लंबी उम्र मिले और सदा यश पायें ।

दीपक said...

सलाम साहु जी को !!

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