जैसा कि हम देख-सुन और पढ़ रहे थे कि साइबर लॉ लागू होने के बाद देश में ई-सेंसरशिप करने की तैयारी है, लगता है उस पर अमल करने की तैयारी होने लगी है। ताजा घटना क्रम यह है कि कई ऐसी वेबसाइट्स पर, जहां भारी फाईल्स, अपलोड और डाऊनलोड की जाती हैं, ब्लॉक कर दी गई हैं।
इस मुद्दे पर कई फोरम में बहस का सिलसिला जारी है, जिसे , यहां
यहां
यहां
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संभव है कि पहले जैसा रवि रतलामी जी अपनी पहले की पोस्ट में जाहिर कर चुके हैं कि पाईरेटेड फिल्मों के डाउनलोड के मुद्दे पर अमेरिका में कंपनियों ने टोरेंट के माद्यन से डाऊनलोड करने पर पाबंदी लगाने या केस करने की कार्रवाई किए जाने की प्रक्रिया जारी है। उसी संदर्भ में भारत में भी यही प्रयास किया गया हो। लेकिन यहां बात कुछ हज़म नहीं होती क्योंकि अपने देश में टोरेंट के माध्यम से डाऊनलोड पर पाबंदी नहीं लगी है।
पाबंदी या बैन लगा तो महज कुछ खास वेबसाईट्स पर ही जैसे कि सेन्डस्पेस, मेगाअपलोड्स या रेपिडशेयर पर। इस मुद्दे पर सुबह से ही इंटरनेट पर कई फोरम पर कई थ्रेड चल रहे हैं।
देखें, यहां, यहां, यहां, और यहां भी
तो बंधुओं पहला चरण देखते हुए सावधान तो ही जाएं और विरोध का स्वर बुलंद करने के लिए भी तैयार हो जाएं।
ज्यादा जानकारी के लिए मैं निवेदन करुंगा रवि रतलामी जी से कि वे इस मुद्दे पर और जानकारी हमें दें…
21 July 2011
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7 टिप्पणी:
अच्छा ......... ई - सेंसरशिप
जबकि सिर्फ सेंसरशिप
भी तो ढंग से लागू नहीं है
जिसकी ताजी मिसाल
डेली वेल्ली और मर्डर 2 जैसी
फिल्मों के संवाद
और बोस डी के बोस डी के
जैसे बुरे गीत हैं।
अभिव्यक्ति को दबाने से विकृति आ जाती है समाज में, ढेरों उदाहरण हैं।
अविनाश भईया से सहमत....
लेकिन ई-सेंसरशिप की सुगबुहाट चिंताजनक भी है...
क्योंकि डेली बेली और मर्डर ऐसे लोगों की अभिव्यक्ति है जो लाखों कमाते हैं और कमाने का अवसर देते हैं...
हमारे यहाँ अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता वस्तुतः ऐसे ही तबके को प्राप्त है...
फुक्कड़ की कैसी अभिव्यक्ति और कैसी स्वतन्त्रता....
इसको तो सेंसर किया ही जा सकता है...
आपने सही कहा है अभी से सतर्क हो जाना चाहिये। साईट्स ब्लोक करने से क्या पायरेसी रुक पायेगी। ऎसा करने से इंटरनेट पर क्या रह जायेगा?
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तो होनी चाहिए।
अगर सरकार ने सेंसरशिप लागू की तो लोग गुमनाम लिखने लगेंगे, फिर किसको सेंसर करेगी सरकार। पूरे ब्लॉगस्पॉट को तो कर नहीं सकती।
चेतावनी तो अच्छी है पर इसका विरोध कैसे हो ।
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