एक की तो 'आधी आज़ादियां' और 'दूसरे' की?
क्या कहें इसे, राजनीति में ब्लॉग या ब्लॉग में राजनीति। हालांकि ब्लॉग जगत पर सेलिब्रिटी बाद में आए हैं उससे पहले से ही राजनीति से जुड़े शख्स यहां ब्लॉग जगत पर अपनी आमद न केवल दर्ज करा चुके हैं बल्कि लगातार लिखते भी रहे हैं। बतौर उदाहरण सबसे पहला नाम छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी का है जो मई 2006 से आधी आज़ादियां नाम से अपना ब्लॉग अंग्रेजी व हिंदी में लिखते आ रहे हैं। अमित शुरु से ही टेक्नोसेवी रहे हैं।
दर-असल सूत्रों से मालूम चला कि अजीत जोगी के मुखर विरोधी छत्तीसगढ़ के पर्यटन,संस्कृति,वन,युवा कल्याण,विधि-विधायी कार्य, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व व खेल मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का भी ब्लॉग अस्तित्व में आ चुका है।
हालांकि अमित जोगी व बृजमोहन अग्रवाल के ब्लॉग में तुलना इसलिए संभव नही है क्योंकि अमित अपने ब्लॉग पर खुद ही लिखते है पर ऐसी अपेक्षा बृजमोहन से नही की जा सकती कि वे भी खुद अपने ब्लॉग पर लिखेंगे। फिलहाल तो उनके ब्लॉग पर उनके समर्थक ने उनके पुराने साक्षात्कार व उनके बारे मे लेख डाल रखे हैं। बृजमोहन के करीबियों की मानें तो यह असंभव ही है कि वे खुद अपने ब्लॉग पर लिखें। संभव है आगे चलकर वे भी इस तरीके से ब्लॉग पर लिखें कि पहले बोलकर किसी को डिक्टेट करवा दें फिर कोई और उसे टाईप कर पोस्ट कर दे। आवारा बंजारा का मानना है कि यह भी मुश्किल ही है। लेकिन असंभव तो दुनिया में कुछ भी नहीं।
खैर!
तकनीक का फायदा राजनीतिज्ञ भी उठाना ही चाहते हैं इसी के चलते एक तरफ अमित जोगी ब्लॉग लिख कर अपने उन समर्थकों से टच में रहते हैं जो नेट उपयोग करते हैं। संभव है यही ख्वाहिश बृजमोहन अग्रवाल या उनके समर्थकों की भी हो पर कल्पना कीजिए कि जिस तरह अखबार में दो विरोधियों के राजनैतिक बयान छपे होते हैं शायद ठीक उसी तरह यह बयानबाजी अब ब्लॉग्स पर भी नज़र आएगी। छत्तीसगढ़ में तो अभी विधानसभा चुनाव है।
तो क्या यह चुनाव इन ब्लॉग्स के माध्यम से ब्लॉग जगत पर भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराएगा?
कहीं मंत्री जी का यह ब्लॉग उनकी छवि को राज्य के दायरे से बाहर निकालकर राष्ट्रीय स्तर पर लाने के लिए तो नही?
अगर वाकई ऐसा है तो इसे रायपुर के वर्तमान सांसद रमेश बैस के लिए खतरे की घंटी माना जा सकता है।
15 टिप्पणी:
तब लगता है इन ब्लागों पर ज्ञान जी की आज की पोस्ट सच हो जाएगी।
brijmohan ko bhi to aap nahi le aaye hain blog ki duniya me. raipur me naya blogger aata hai to pata chalta hai sanjeet babu thel-thal ke le aaye hain idhar.waise achha hai akhbaaron par mohan ki mahini aajkal chal bhi nahi rahi hai.yahan likhega to kam-se kam kuch to achhe log padhenge
"तकनीक का फायदा राजनीतिज्ञ भी उठाना ही चाहते हैं."
हाँ ये तो है. कैमरा, सीडी वगैरह का इस्तेमाल तो हो ही रहा था. ब्लॉग का इस्तेमाल भी होना चाहिए. अमित जोगी तो छतीसगढ़ के युगपुरूष हैं. बृजमोहन जी भी अगर यही बनें तो अच्छा ही रहेगा. राज्य को युगपुरुषों की ज़रूरत पड़ती ही रहेगी. और जैसा की तुमने लिखा है, बृजमोहन जी अगर ख़ुद को राष्ट्रीय स्तर का बना सके तो तो राष्ट्र को एक और युगपुरुष मिल जायेगा. कितना अच्छा होगा. राष्ट्र युगपुरुषों से भर जायेगा. कोई केवल पुरूष बनकर नहीं रहेगा. सबके सब युगपुरुष. फिर भारत युगराष्ट्र हो जायेगा. तकनीक के मामले में युगों तक आगे चलता राष्ट्र. सोचो, क्या होगा.......
अरे, ये क्या लिखने लगा मैं? ब्लॉगर को मौका मिलना चाहिए. टिप्पणियों में भी पोस्ट लिखने लग जाता है. ये सब भइया युगब्लॉगर बनने के सपने देखने की वजह से हुआ है.....:-)
यह तो रोचक जानकारी है। नेताओं के ब्लॉग।
"तीजन बाई का ब्लॉग" छाप भी बनना चाहिये।
बहुत ख़ूब....अच्छी रचना है...
@अनिल पुसदकर जी, कम अज़ कम बृजमोहन अग्रवाल के ब्लॉग के लिए मैं ज़िम्मेदार नही हूं।
;)
बल्कि मुझे जब मालूम चला कि उनका भी ब्लॉग हाजिर है तो आश्चर्य ही हुआ के वे और ब्लॉग???
तकनीक का सकारात्मक इस्तेमाल करना अच्छा है। लेकिन सिर्फ इसलिये इसे अपनाना कि विपक्षी दल का नेता भी यहां लिख रहा है। देखना ये है कि यहां भी राजनीति के दांव-पेंच शुरू होते है या नहीं।
उनके ब्लाग उनके प्रदेश् की भाषा में होते तो बेहतर होता। अनिल जी का आरोप सही है क्या!!
@अनूप शुक्ल जी,
ना जी ना अनिल भैया का आरोप सही नही है, वो तो बस तुक्का लगा रहे हैं।
" very interetsing to read and know about the blogs of big personalities... its really a great platform it seems.."
Regards
आखिर अनिल जी ने आप पर चुटकी ले ही ली !!अमित जी के ब्लाग को पहले से पढता आ रहा हु अब बृजमोहन अग्रवाल का भी ब्लाग पढ लेंगे!!
ब्लागिंग से जुडी संभावना को ये भी अच्छी तरह से समझ रहे है
हा हा हा, इश्क और मुश्क छुपते नहीं यह सुना था अब कहना पडेगा ब्लाग भी नहीं छुपता ।
स्वागत है इस नये ब्लागर साथी का .... । वैसे बृजमोहन जी का पिछले चुनाव में एक वेबसाईट भी बनाया गया था पर उसकी लोकप्रियता उनके तकनीकि रिश्तेदारों के लाख चाहने के बावजूद 50-100 से ज्यादा क्लिक नहीं हो पाया था । लगता है इस बात को ध्यान में रखते हुए ही ब्लाग प्लेटफार्म को अपनाया गया है ।
अब इनका ब्लाग जिसने भी बनाया हो, इतना तो जरूर है हमारे ही किसी चेले नें बनाया होगा इस कारण इसकी रायल्टी तो 'हमें' अवश्य मिलनी चाहिये, हा हा हा ।
लगता है इंडिया में भी चुनाव अमेरिकी तर्ज पर होगें अब्। क्या ब्लोग की दुनिया भी उतनी इम्पर्सनल हो जाएगी जितनी अखबार की दुनिया
ब्लॉग का माध्यम व्यक्तिगत स्तर पर संवाद का जो अवसर देता है, उसका लाभ उठाने का लोभसंवरण ये नेतागण कैसे कर सकते हैं? बस इसके बारे में उन्हें जानकारी तो होने दीजिए...।
राजनीती और ब्लॉग दोनों के भविष्य की झलक है.
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