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19 February 2009

प्रसून जोशी जी, सुन/पढ़ रहे हैं आप???

प्रसून जोशी जी,सुन/पढ़ रहे हैं आप

आवारा बंजारा ने जब से नई फिल्म देहली-6 का गाना ससुराल गेंदा फूल सुना था तब से इसी उलझन में डूबा हुआ था कि यह गाना तो मूलत: छत्तीसगढ़ी है फिर इसके गीतकार के रूप में प्रसून जोशी का नाम कैसे है। कई जानकारों ने जानकारी दी कि प्रसिद्ध नाट्यकर्मी हबीब तनवीर ने इस गाने को अपने प्रसिद्ध नाटक चरणदास चोर में खुद ही स्टेज पर गाया है। और यह भी कि 1970 के दशक में यह गाना आकाशवाणी रायपुर पर खूब बजा करता था।

आज सुबह जब दैनिक भास्कर पढ़ा तो उसमें फ्रंट पेज पर ही यह खबर थी जो नीचे इमेज फॉर्मेट में दी जा रही है।

इस खबर में यही जानकारी दी गई है कि सास गारी देवे..गीत को स्व. गंगाराम शिवारे ने लिखा था और स्व. भुलवाराम यादव ने उसे अपनी आवाज दी थी। इसके बाद स्व. यादव ने ही ये लोकगीत रमादत्त जोशी, डा. रेखा जोशी और प्रभादत्त को सिखाया। इसके बाद उन्होंने मिलकर सबसे पहले ये गाना 1972 में रायपुर के पास खरोरा गांव में गाया।




आवारा बंजारा नें राय जानने के लिए प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे व अजय ब्रह्मात्मज से ई-मेल पर संपर्क किया तो दैनिक भास्कर में जयप्रकाश चौकसे की जो ईमेल आईडी दी जाती है उससे तो ई मैल बाऊंस हो गया। हे दैनिक भास्कर वालों!ऐसी ई-मेल आईडी क्यों छापते हो जो वर्किंग नहीं होती।

पूरी खबर दैनिक भास्कर में ऑनलाईन यहां पर पढ़ी जा सकती है।




तो प्रसून जोशी जी,सुन/पढ़ रहे हैं आप???

19 टिप्पणी:

Prabuddha said...

क्या यही कम है कि गीत में रायपुर का ज़िक्र है- 'पूरे रायपुर से अलग म्हारे सैंयाजी की शान'। दु:ख बस इसी बात का है कि किसी और के लिखे को अपने नाम से कैसे पेश कर दिया गया और वो भी प्रसून जोशी ने !

दिनेशराय द्विवेदी said...

यह चोरी पकड़ी गई। वरना फिल्म वालों ने पता नहीं कहाँ कहाँ से क्या क्या चुराया है?

विनीत कुमार said...

आज ही ये खबर दैनिक भास्कर में पढ़ी है। बहुत अफसोस हुआ कि प्रसून जैसे लोग भी प्रायमरी सोर्स के साथ इस तरह का काम कर सकते हैं। उन जैसे लोगों से तो उम्मीद थी कि वो छत्तीसगढ़ में आकर इन लोगों के साथ इसका प्रोमोशन करते और संभव होता तो पूरे गाने में इन बहनों को भी शामिल करते। बड़े-बड़े लोग छोटी-मोटी हरकतों में अपनी औकात बता जाते हैं।

Gyan Dutt Pandey said...

इस तरह का काम नामी गिरामी ज्यादा करते हैं। :)

ambrish kumar said...

is par kanuni pahal honi chahiye.

विष्णु बैरागी said...

मैं ने तो गीत सुना नहीं किन्‍तु यदि वास्‍तव में ऐसा ही है तो बुरी बात है। प्रसून जोशी को यह शोभा नहीं देता।

अविनाश वाचस्पति said...

प्रसून जी
प्रसन्‍न तो बहुत हो
रहे होंगे आप
बदनाम हुए तो
क्‍या नाम न हुआ
सब ब्‍लॉगर भी जान गए
बिना ब्‍लॉग खोले
चर्चा में छा गए।

Abhishek Ojha said...

गाना तो बहुत पसंद आया... आज सच्चाई भी जान गए !

Udan Tashtari said...

अभी चार रोज पहले ही इस गीत को रचने के लिए प्रसून जोशी की तारीफ सुन रहा था कहीं..आज सच्चाई पता चली.

mamta said...

वैसे अभी तक हमने ये गाना नही सुना है । लगता है इन लोगों का चोरी के बिना तो गुजारा नही है ।


संजीत आपको बड़े दिनों बाद पढ़ रहे है ।

कंचन सिंह चौहान said...

अभी हाल ही में आस्कर अवार्ड से नवाज़ी गई फिल्म स्लम डॉग मिलेनियर देखने गई....! कौन बनेगा करोड़पति के सेट पर प्रश्न आया दर्शन दो घनश्याम भजन के रचयिता कौन है...! १.सूरदास २. कबीरदास ३. तुलसीदास ४. मीराबाई (मेरे क्रम गलत हो सकते हैं)

बगल बैठे भतीजे ने तुरंत पूँछा बताइये "आप ने तो हिंदी से एम० ए० किया है....!" "मुझे तो कोई भी नही लग रहा है" मैने जवाब दिया

थोड़ी देर में पता चला "सूरदास"

मैंने सोचा कि हिंदी से एम०ए० करने का मतलब ये तो नही है, कि इन सबकी सारी रचनाएं मालूम हो, फिर भी अफसोस तो हुआ ही, पब्लिकली इन्सल्ट का।

दूसरे दिन सुबह ही पेपर में आया कि गोपाल सिंह 'नेपाली'जी के लड़के ने दावा किया कि ये गीत उनके पिता का लिखा हुआ है

तो साहब...! जब सूर, कबीर जैसे लोगो के साथ खिलवाड़ हो रहा है तो गंगाराम शिवारे कौन है...????

रवि रतलामी said...

अरे, मैं तो समझता था कि इस गाने का श्रेय वास्तविक छत्तीसगढ़िया रचयिता को ही दिया गया होगा. पर प्रसून जोशी? आश्चर्य है!!

ये मूल गाना आकाशवाणी रायपुर पर बीस-पच्चीस साल पहले बहुत सुनते थे. ओरिजनल गाना भी वहां कहीं उनके आर्काइव में होगा. किसी तरह उसे प्राप्त कर उसे अपलोड करें तो वाकई मजा आ जाए...

रवि रतलामी said...

मैंने थोड़ी सी खोजबीन की, और पाया कि इस गाने के ट्रैक पर प्रसून जोशी का नाम गीतकार के रूप में दर्ज नहीं है. एक अ-समाचार को बेकार का समाचार बनाया जा रहा है. ए आर रहमान के ऑफ़ीशियल वेबसाइट पर यह दर्ज है कि गीत व संगीत पारंपरिक है, और अतिरिक्त संगीत भी (रहमान का नहीं)रजत ढोलकिया का है.
कड़ी है -
http://www.arrahman.com/v2/discography/films-hindi-dilli6.html

Anonymous said...

इसे कहते हैं तिल का ताड़, बेचारे प्रसूनजी को यूँ ही बदनाम कर दिया

महेन said...

लो भाई इससे पहले हम कुछ कहते रतलामी जी ने मुद्दा साफ़ कर दिया. वैसे मियां कुछ रेगुलर हो जाओ ब्लॉग पर. हमें लत लगा दी और ख़ुद लापता रहते हो? ये अच्छी बात नई है.

cg4bhadas.com said...

छत्‍तीसगढ के विचार मंच में आपक स्‍वागत, है अगर आपके कोई भी खबर या जानकारी है जिसका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सम्बन्ध छत्तीसगढ से है तो बस कह दीजिये हमें इंतजार है आपके सूचना या समाचारों का घन्यवाद

pradeep parihar said...

maine jab delhi 6 dekhi to mara mann bhi yeh sb ghum raha tha .....
aapna to meri mann ki bath likh di...

pradeep parihar delhi........

pradeep parihar said...

hello sir
daily ma aapka blog read karta hu...kafi dino batt likah .....
fantastic sir..........

nimesh shah said...

bada dukh huya yeh padh kar ke is peedi ke shayad sabse honaar geetkar ko is taraeh badnam kiya jaa raha hai. sach toe yeh hai ke prasoon joshi ne kahi nahi kaha ke yeh gaana unka likha gaya hai. ji haa yahan tak ke album ke cover par bhi geet ke aggae likha hai" traditional" ek tv channel par badi namrata ke saath unho ne kaha tha ke geet ke bol zaroor badle hai taki theth chattisgarhi ke alawa anya log bhi iska anand utha sake.sach toe yeh hai ke mann ke manjeere, taare zammen par aur d6 ki arizyan likhne wale is vaykti ke saath blog aur media ne galat kiya hai.

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