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01 June 2010

हबीब तनवीर की पहली पुण्यतिथि पर


 पांच से आठ जून तक इप्टा का राष्ट्रीय नाटय समारोह
चरणदास चोर से होगी समारोह की शुरुआत

छत्तीसगढ़ के विश्वविख्यात रंगकर्मी स्व. हबीब तनवीर की पहली पुण्यतिथि पर इप्टा, रायपुर चार दिवसीय नाटय समारोह का आयोजन कर रही है। पांच जून से प्रारंभ इस राष्ट्रीय नाटय समारोह में तनवीर द्वारा स्थापित नया थिएटर के अलावा इप्टा रायपुर, इप्टा भिलाई तथा इप्टा बिलासपुर की टीमों के साथ रंग छत्तीसा  राजनांदगांव, बालरंग भिलाई व नेपथ्य दुर्ग के नाटय दलों के मंचन होंगे। इप्टा रायपुर के महासचिव अरुण काठोटे ने जानकारी दी है कि शनिवार पांच जून की संध्या 6.30 बजे हबीब तनवीर स्मृति राष्ट्रीय नाटय समारोह का उद्धाटन नया थिएटर के वरिष्ठ रंगकर्मी तथा चरणदास चोर की भूमिका से विश्व प्रसिध्दि पाने वाले अभिनेता पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर करेंगे। उद्धाटन अवसर पर प्रख्यात लोक कलाकार रामचरण निर्मलकर समारोह की अध्यक्षता करेंगे। इसी दिन गुड़ी रायगढ़ के कलाकार रंग संगीत की प्रस्तुति देंगे।

समारोह के प्रथम दिवस नया थिएटर भोपाल द्वारा प्रसिध्द नाटक 'चरणदास चोर' का मंचन होगा। स्व. तनवीर की पुत्री नगीन तनवीर ने इसे निर्देशित किया है। रविवार 6 जून को सुबह 10 बजे एक गोष्ठी का आयोजन स्थानीय प्रेस क्लब के सभागार में किया जाएगा। 'आधुनिक रंगमंच का लोकरंगमंच से रिश्ता' इस विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बनारस के सत्यदेव त्रिपाठी, कोलकाता के प्रवीर गुहा, बंगलुरू से प्रसन्ना, नई दिल्ली से रामगोपाल बजाज, पटना से ऋषिकेश सुलभ, लखनऊ से वेदा राकेश व राकेश अपना वक्तव्य देंगे। संध्या 6.30 बजे रंग छत्तीसा के कलाकार रंगसंगीत की प्रस्तुति देंगे। इसके पश्चात 7.30 बजे इप्टा रायपुर की प्रस्तुति 'गांव के नाव ससुराल मोर नाव दामाद' का मंचन होगा। इसे योग मिश्रा ने निर्देशित किया है। इसी दिन दूसरी प्रस्तुति हबीब तनवीर का लिखा तथा शरीफ अहमद द्वारा निर्देशित नाटक 'गधे' का मंचन इप्टा भिलाई के कलाकार करेंगे। सात जून की शाम लोकरंग अर्जुन्दा के कलाकार रंगसंगीत प्रस्तुत करेंगे। इसके पश्चात बालरंग भिलाई द्वारा विभाष उपाध्याय के निर्देशन में 'अदालत' का मंचन होगा। दूसरी प्रस्तुति इप्टा बिलासपुर का नाटक 'सत्यव्रत' का प्रदर्शन राजकमल नायक के निर्देशन में होगा। समारोह के अंतिम दिवस आठ जून की संध्या मुंबई के आमोद भट्ट एवं साथी रंगसंगीत प्रस्तुत करेंगे। इस दिन पटना के युवा रंगकर्मी संजय उपाध्याय के निर्देशन में 'कहां गए मोर उगना' तथा नेपथ्य दुर्ग द्वारा 'यम का छाता' का मंचन राजेंद्र कपूर के निर्देशन में किया जाएगा।


समारोह के संयोजक सुभाष मिश्र ने बताया कि सभी नाटकों के मंचन रंगमंदिर प्रेक्षागृह में होंगे। नाटय समारोह के अलावा इस आयोजन में स्व. हबीब तनवीर पर केंद्रित तथा राजेश गनोदवाले द्वारा लिखित मोनोग्राफ 'जय शंकर' का विमोचन भी होगा। नया थिएटर के कलाकार अनूपरंजन पांडे के संयोजन में स्व. तनवीर के छायाचित्रों की प्रदर्शनी 'स्मृति हबीब' भी रंगमंदिर परिसर में लगाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि इप्टा रायपुर ने पांच वर्ष पूर्व आयोजित सातवां मुक्तिबोध राष्ट्रीय नाटय समारोह हबीब तनवीर पर केंद्रित किया था। मुक्तिबोध समारोह की बारहवीं कड़ी में हबीब साहब के निर्देशन में तथा उनकी उपस्थिति में रक्तबीज का मंचन भी गत वर्ष 18 जनवरी को किया गया था।

14 टिप्पणी:

Unknown said...

बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने। मैंने चरणदास चोर नाटक तब देखा था जबकि उसका प्रथम मंचन मोतीबाग रायपुर में हुआ था। एक बार फिर उस नाटक को देखने की इच्छा शायद अब पूरी हो जाये।

राजकुमार सोनी said...

संजीत..
समय निकालो नाटक देखने चलेंगे।

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

बहुत बढिया जानकारी
अब नाटक देखने आना है।

शुक्रिया

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर जानकारी तनवीर जी के बारे, अब हमारी किस्तम मै यह नाटक कहां. धन्यवाद

दिनेशराय द्विवेदी said...

संजीत जी देखने तो आ नहीं सकते। रिपोर्ट कर देना पढ़ कर तसल्ली कर लेंगे।

Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय) said...

संजीत भाई, आपकी डिफ़र्ड लाईव पोस्ट्स का इन्तजार रहेगा..

girish pankaj said...

bahut din baad is banajere ko dekh rahaa hoo. achchha laga..koshish rahegi ki habib tanveer ke natako ke dauran mulakat ho jaye.

Anita kumar said...

वाह वाह ,इप्टा? बड़िया जानकारी दी। हो सके तो देखिए उन नाटकों की वीडियो रिकॉर्डिंग हो सकेगी क्या और आप हमें दिखा सकेगें क्या?
वैसे एक और याद भरभरा के सामने आ गयी है। कॉलेज के दिनों में हमने इप्टा के कंपीटिशन में सेकेंड प्राइज मारा था…।:)

कडुवासच said...

...वक्त कैसे गुजर गया .... पता ही नहीं चला ... बेहद प्रभावशाली व सार्थक पोस्ट !!!!

Urmi said...

तनवीर जी के बारे में बहुत ही बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई! सुन्दर और सार्थक पोस्ट!

आचार्य उदय said...

आईये जानें ..... मन ही मंदिर है !

आचार्य जी

arvind said...

बहुत बढिया जानकारी.सार्थक पोस्ट

शरद कोकास said...

इस जानकारी के लिये धन्यवाद ।

राम त्यागी said...

बहुत अच्छी जानकारी ...

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