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02 June 2008

स्वागत दो नए ब्लॉग का

पता नही कब याहू चैट पर हमारी मुलाकात अखिल साहब से हुई थी,अखिल साहब बोले तो अखिल तिवारी,पेशे से सॉफ़्टवेयर इंजीनियर लेकिन मिज़ाज से साहित्यानुरागी और किताबों के शौकीन। अपने बारे में बताते हैं कि मध्यप्रदेश के दमोह में जन्में, उत्तरप्रदेश के हमीरपुर में निवास, कानपुर में स्कूली शिक्षा और बी टेक किया गाजियाबाद से। नोएडा की एक कंपनी में सॉफ़्टवेयर इंजीनियर है लेकिन विभिन्न प्रोजेक्ट के सिलसिले में कभी इंदौर तो कभी केरल तो कभी चंडीगढ़ तो कभी कहीं और किसी शहर में महीने दो महीने रहते हैं।

पढ़ने के शौकीन इस बंदे को हम साल भर से मनाए जा रहे थे कि बंधु ब्लॉग बनाओ अपना और लिखो यार। बंदा था कि मानता ही नही था, ठीक आशिक के दिल की तरह आखिर दिल है कि मानता नही।

पिछले चार महीने से चंडीगढ़ में लटके हैं जनाब,वहां एक प्रोफेसर को इन्होनें अंग्रेजी ब्लॉग बना कर दिया और पता नही क्या मन में आया कि अपना भी ब्लॉग बना ही लिया साथ ही उस पे लिख भी डाला, हमें तो शंका हो रही है कि इनकी प्रेरणा कहीं चंडीगढ़ में तो नही मिल गई कोई।

खैर जो भी हो, यह अच्छा हुआ कि इन्होने अपना हिंदी ब्लॉग बनाकर लिखना शुरु भी कर दिया।
आईए स्वागत करें अखिल तिवारी के ब्लॉग अंतरतम का।


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से ही एक दिन हम अपनी याहू आई डी चैट रूम में डालकर इधर ब्लॉग्स पढ़ रहे थे, अचानक चैट रूम में देखा तो एक सज्जन अफ़सोस जता रहे थे कि "मैं तो परदेस में हिंदी पढ़ने के लिए तरस गया हूं, कोई है जो साहित्य आदि पर बात कर सके मुझसे"। हमने फ़ौरन उन सज्जन से बात की, पता चला बंगलुरू में काम करने वाले महेंद्र मेहता जी हैं जो कंपनी के काम से आजकल इंग्लैंड में है छह महीने के लिए। सो हमने उन्हें हिंदी ई बुक्स दिए पढ़ने के लिए और चर्चा के दौरान अपना ब्लॉग भी थमा दिया। बातें हुई। दूसरे दिन ऑनलाईन मिले तो मेहता जी ने अपने ब्लॉग का लिंक थमा दिया कि ये देखो हमने भी बना लिया ब्लॉग।

इसे कहते है फटाफट।

महेंद्र मेहता जी के भी ब्लॉग प्रत्येक वाणी में महाकाव्य पीड़ा है... का शुभकामनाओं के साथ स्वागत

16 टिप्पणी:

Shiv said...

भाई संजीत,

अखिल जी और महेंद्र जी का बहुत-बहुत स्वागत है. मुझे पूरा विश्वास है कि दोनों मित्र हिन्दी चिट्ठाकारिता को और धनी बनायेंगे...

और तुम्हें धन्यवाद इन मित्रों से मिलाने के लिए.

Akhil said...

बोले तो संजीत जी की जय हो.. क्या बात है बन्धु, सच कहूँ तो ये नही सोचा था की ऐसा स्वागत होगा ब्लोग्स की दुनिया में...धन्यवाद नही कहूँगा. नही तो जो अपनापन आपने दिखाया है उसकी महत्ता ने रहेगी. बस एक निवेदन है, ठेलते रहिएगा अगर सुस्त पडूं तो. बुरी आदतें एक दम से नही जाती न..

Udan Tashtari said...

दोनों का स्वागत और नियमित लेखन के लिए शुभकामनाऐं. आपका आभार.

ऎग्रीगेटर में तो आपने जुड़वा ही दिया होगा.

Gyan Dutt Pandey said...

बहुत अच्छा काम किया अखिल और महेन्द्र जी से मिला कर। बहुत धन्यवाद संजीत। नये लोगों से मिलवाने का रिकार्ड आपके नाम ही रहेगा शायद।

दिनेशराय द्विवेदी said...

नए लोगों से मिलवाने का धन्यवाद। ऐसे ही चिट्ठा संख्या बढ़वाते जाइए।

अनूप शुक्ल said...

सुन्दर! बधाई!

बालकिशन said...

वाह संजीत भाई नेकी और पूछ-पूछ.
बहुत बढ़िया.

डॉ .अनुराग said...

स्वागत है.....नए ब्लोगर्स का.....

दीपक said...

स्वागत है !!!!

Pramendra Pratap Singh said...

दोनो नये ब्‍लाग ब‍न्‍धुओं का स्‍वागत है।

डा० अमर कुमार said...

अखिल जी,
बुरी आदतों का खुलासा करें ।
आप अच्छी रचनायें देते रहें, बुरी आदतों से क्या लेना देना । अभी तो ब्लागिंग ही अच्छी आदतों में अपना स्थान बनाने को खुसपुसा रही है ।

जरा जोर लगाइये, हँइस्सा !

admin said...

अपने बारे में तो सभी लोग लिखते हैं, आपने दूसरों के बारे में सोचा, यह बडी बात है। मैं आपकी सोच को सलाम करता हूं।

Anonymous said...

aap ka network io tagda hai per aap
ne khud likhna band kyo ker diya hai.

pallavi trivedi said...

swagat naye bloggerrs ka...

seema gupta said...

"good efforts, keep it up"
Regards

अंगूठा छाप said...

आपको नियमित लिखना चाहिए।

किसी भी ब्लागर को रेगूलर लिखना ही चाहिए।

आपका शुभेच्छू

अंगूठा छाप

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