tag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post453955074461081068..comments2024-01-12T11:59:41.030+05:30Comments on आवारा बंजारा: तू तो रंगी फिरै बिहंगी:छत्तीसगढ़ में कबीरपंथ-2Sanjeet Tripathihttp://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-23753594630917591822008-03-12T14:26:00.000+05:302008-03-12T14:26:00.000+05:30जानकारी से परिपूर्ण लेख।जानकारी से परिपूर्ण लेख।anuradha srivastavhttps://www.blogger.com/profile/15152294502770313523noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-15905359946636216902008-03-12T13:06:00.000+05:302008-03-12T13:06:00.000+05:30बहुत अच्छा लेख ।घुघूती बासूतीबहुत अच्छा लेख ।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-67824425812184279522008-03-12T00:37:00.000+05:302008-03-12T00:37:00.000+05:30कबीरदास के विषय में इतना तो हमने सी.बी.एस.ई की हिन...कबीरदास के विषय में इतना तो हमने सी.बी.एस.ई की हिन्दी की किताबों में भी नहीं पढ़ा था. ज्ञानवर्धक जानकारी देने का शुक्रिया.मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-63881879446923715712008-03-11T23:37:00.000+05:302008-03-11T23:37:00.000+05:30shandar rachna.......shandar rachna.......chayahttps://www.blogger.com/profile/09276041724129288442noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-2105976933904707732008-03-11T22:49:00.000+05:302008-03-11T22:49:00.000+05:30सुन्दर लेख! साधुवाद!सुन्दर लेख! साधुवाद!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-39153016349984069512008-03-11T21:02:00.000+05:302008-03-11T21:02:00.000+05:30"तू तो रंगी फिरै बिहंगी " मुझे यह शीर्षक बहूत अच्छ..."तू तो रंगी फिरै बिहंगी " मुझे यह शीर्षक बहूत अच्छा लगा ,साथ ही वही बात मेरे दिमाग मे आई जो संजीव तिवारी जी ने कही ,कबीर चौका आरती ही नही उससे बहूत बढ़कर है ,अत्यन्त रोचक जारी रखिये ...<BR/><BR/>"कबीरा मन निर्मल भया जैसे गंगा नीर , पीछे पीछे हरी फिरै कहे कबीर कबीर ""दीपकhttps://www.blogger.com/profile/08603794903246258197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-44173753968158968082008-03-11T18:51:00.000+05:302008-03-11T18:51:00.000+05:30koi bhi gyani kabhi panth nahi chalata, ye to unke...koi bhi gyani kabhi panth nahi chalata, ye to unke anuyayiyon ka kiya hota hai.<BR/><BR/>jaankari chalu rakhen, mene is srinkhala ka link bhi apne kabir wale article me diya haiTarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-40843933441837855002008-03-11T18:34:00.000+05:302008-03-11T18:34:00.000+05:30जनाब ये ज्ञान रत्न कहां से ला रहे हैं। बहुत ही बड़ि...जनाब ये ज्ञान रत्न कहां से ला रहे हैं। बहुत ही बड़िया और दुर्लभ जानकारी दे रहे हैं आप, धन्यवाद, कुछ दोहे भी हो जाते तो और मजा आ जाता और अगर वो दोहे सस्वर हो जाएं तो और भी बड़िया…:)Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-31229492178115213352008-03-11T17:53:00.000+05:302008-03-11T17:53:00.000+05:30बहुत बढिया भाई जी कबीर दास जी के विषय मे जानकर बहु...बहुत बढिया भाई जी कबीर दास जी के विषय मे जानकर बहुत अच्छा लगा. आज उनकी वाणी को जीवन मे उतारने की आवश्यकता हैप्रशांत तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/09355397692549446485noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-29673979862435185102008-03-11T17:11:00.000+05:302008-03-11T17:11:00.000+05:30स्कूल मे कबीर दास के बारे मे पढ़ा था और अब आपकी पो...स्कूल मे कबीर दास के बारे मे पढ़ा था और अब आपकी पोस्ट मे विस्तार से पढ़ रहे है।अच्छा लग रहा है दोबारा से जानना।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-44350653273512996982008-03-11T16:59:00.000+05:302008-03-11T16:59:00.000+05:30कबीर के पहलुओं पर बेहतर प्रकाश डाल रहे हैं आप, छत्...कबीर के पहलुओं पर बेहतर प्रकाश डाल रहे हैं आप, छत्तीसगढ में कबीरपंथियों का एक विशाल समूह है किन्तु उनमें से बहुत कम लोगों को 'कबीर' के संबंध में पता है । यह पंथ विचार है आस्था नहीं, पर क्या करें । छत्तीसगढ में लोगों को कबीर के इन्ही पहलुओं का ज्ञान कराना आवश्यक है । चौंका आरती से भी बढकर है कबीर का दर्शन और समाज के प्रति उनका चिंतन ।<BR/><BR/>धन्यवाद ।36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-67471627007536353972008-03-11T16:49:00.000+05:302008-03-11T16:49:00.000+05:30बहुत बढ़िया जानकारी...भाई संजीत, पहली बार कबीर के ...बहुत बढ़िया जानकारी...भाई संजीत, पहली बार कबीर के बारे में इतना कुछ जानने के लिए मिला....Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-4035755489066908982008-03-11T15:54:00.000+05:302008-03-11T15:54:00.000+05:30क्या यह सम्भव है कि इस कडी को पढते-पढते दोहे भी सा...क्या यह सम्भव है कि इस कडी को पढते-पढते दोहे भी साथ मे सुनने को मिले? यह सोने मे सुहागा वाली बात होगी।Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-74491611358958413042008-03-11T15:48:00.000+05:302008-03-11T15:48:00.000+05:30किसने कबीर पंथ आरंभ किया वो तो इतिहास है, लेकिन आज...किसने कबीर पंथ आरंभ किया वो तो इतिहास है, लेकिन आज कबीर पंथ है ये सच्चाई है. जैसे कि आपके लेख के अनुसार श्री धर्मदास मुर्ति पुजा के विरुध थे...लेकिन आप दामाखेडा जाकर देखियेगा आप को कबीर और धर्मदास दोनो के तस्वीर और मुर्ति मिलेगा. संत कबीर जी छुआछुत के खिलाफ़ थे लेकिन दामाखेडा के गद्दी आसीन संत इसे अब तक जीवित रखे है. भाइया ये सब पावर और पैसे का खेल है. जिस तरह किसी पार्टी मे महत्व नही मिले पर दुसरी पार्टी बाना लेते है वैसे ही.Lokesh Kumar Sharmahttps://www.blogger.com/profile/18296007559482389938noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-46009328757989122042008-03-11T14:29:00.000+05:302008-03-11T14:29:00.000+05:30बेहद गंभीर और श्रमसाध्य प्रयास । दस्तावेज़ है । ...बेहद गंभीर और श्रमसाध्य प्रयास । दस्तावेज़ है । जिस पर बार बार लौटेंगे । नमन है आपको । जारी रखिए । काश कि आपको पास ऑडियो भी होते ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-72751254479860314182008-03-11T13:30:00.000+05:302008-03-11T13:30:00.000+05:30पहली बार पढी इतनी अच्छी जानकारी कबीर जी के बारे मे...पहली बार पढी इतनी अच्छी जानकारी कबीर जी के बारे में शुक्रिया यहाँ पढाने के लिए !!रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-27348649553406582122008-03-11T13:21:00.000+05:302008-03-11T13:21:00.000+05:30कबीर जैसा क्रान्तिचेता रचनाकार कोई पंथ आदि चलाने क...कबीर जैसा क्रान्तिचेता रचनाकार कोई पंथ आदि चलाने की बात करेगा और उसके लिए किसी को आशीर्वाद देगा, ऐसा विश्वास मुझे नहीं होता. मुझे तो ये लगता है की जैसे राजा लोग विष्णु के अवतार हो जाते है और विप्र लोग पूज्य, कुछ ऐसा ही मामला इन पंथों का भी है.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-32619489821894478392008-03-11T13:20:00.000+05:302008-03-11T13:20:00.000+05:30शुक्रिया संजीत। मेरे आग्रह का मान रखा और तत्परता स...शुक्रिया संजीत। मेरे आग्रह का मान रखा और तत्परता से जानकारियां जुटाईं। ऐसे मामलों में अक्सर तथ्यों को परोसने की हड़बड़ी जैसी स्थिति भी बन जाती है ,मगर ऐसा हुआ नही। कबीर पर लिखते समय एक दृष्टि भी होनी चाहिए , जो यहां झलक रही है। आपका यह कहना सही है कि कबीर ने खुद कोई पंथ नहीं चलाया होगा। खास तौर पर जिस रूप में आज पंथों की बात होती है। <BR/>शुक्रिया ....अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.com