tag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post2467220561134163555..comments2024-01-12T11:59:41.030+05:30Comments on आवारा बंजारा: अब क्या करे सरकार?..........दिवाकर मुक्तिबोधSanjeet Tripathihttp://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-14173084348548960882010-04-12T17:35:51.345+05:302010-04-12T17:35:51.345+05:30...प्रभावशाली व सारगर्भित अभिव्यक्ति, प्रसंशनीय प्......प्रभावशाली व सारगर्भित अभिव्यक्ति, प्रसंशनीय प्रस्तुति !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-85564111824250977822010-04-10T21:08:05.277+05:302010-04-10T21:08:05.277+05:30सामरिक समाधान ही समाधान है। विकास का मलहम पेरेलल च...सामरिक समाधान ही समाधान है। विकास का मलहम पेरेलल चले!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-45551116970181197832010-04-09T08:32:31.495+05:302010-04-09T08:32:31.495+05:30बहुत ही दुखद स्थिति है। एक तरफ तो बेचारे आदिवासी द...बहुत ही दुखद स्थिति है। एक तरफ तो बेचारे आदिवासी दुर्दशा में जी रहे हैं ऊपर से नक्सलियों का आतंक। नक्सलियों की ये रक्तपिपासा पता नहीं कितना खून पीकर शांत होगी। सरकार नक्सलियों के खिलाफ आधी-अधूरी इच्छा से कार्यवाही कर रही है। स्थानीय नेता नक्सलियों के प्रति नरम रुख अपनाते हैं। इस सारे ड्रामे में निरंतर जवानों और बेकसूर लोगों की बलि चढ़ रही है।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-55312050595806804922010-04-08T14:10:11.908+05:302010-04-08T14:10:11.908+05:30संदीपजी,
पहले तो आपको धन्यवाद दे दूं कि आप इस प्रक...संदीपजी,<br />पहले तो आपको धन्यवाद दे दूं कि आप इस प्रकार के लेख अपने ब्लाग पर लाते हैं। अब बात मुक्तिबोधजी के विचारों की। करीब डेढ़ साल बाद उन्हें पढ़ने का मौका मिला। <br />सोनल जी की टिप्पणी सही है- विचारो का ये तूफ़ान शांत नहीं होना चाहिए, विचारोतेजक लेख। मुझे भी यह लेख विचारोत्तेजक ही लगा इसलिए इस पर प्रतिक्रिया दे रहा हूं। किसी लेख का विचारोत्तेजक होना और उस विचार के धरातल से जुड़े होने में अंतर है। इस समय बस्तर के हालात पर विचारों में उत्तेजना की नहीं वरन जरूरत है संयम की। १६००० करोड़ रुपयों के रेड कारिडोर और युद्ध जैसे हालात, रणनीतिक चूक या फिर सुरक्षा बलों की लापरवाही, बहस लंबी खिंच सकती है। खोज और तर्कों के अलावा भी हैं पत्रकारिता के मायने। मैं तो सरकार को यही कहना चाहूंगा कि समय रहते इस समस्या पर काबू पा ले अन्यथा भविष्य में यह समस्या दिवाकरजी, संजीतजी, अनिलजी, सोनलजी और मुझे- यानी हम सबको नेस्तनाबूत कर देगी। रायपुर आउंगा तो दिवाकर सर से जरूर मिलूंगा।anjeev pandeyhttps://www.blogger.com/profile/13492042985898080079noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-64997200193606180632010-04-08T14:05:56.054+05:302010-04-08T14:05:56.054+05:30संदीपजी,
पहले तो आपको धन्यवाद दे दूं कि आप इस प्रक...संदीपजी,<br />पहले तो आपको धन्यवाद दे दूं कि आप इस प्रकार के लेख अपने ब्लाग पर लाते हैं। अब बात मुक्तिबोधजी के विचारों की। करीब डेढ़ साल बाद उन्हें पढ़ने का मौका मिला। <br />सोनल जी की टिप्पणी सही है- विचारो का ये तूफ़ान शांत नहीं होना चाहिए, विचारोतेजक लेख। मुझे भी यह लेख विचारोत्तेजक ही लगा इसलिए इस पर प्रतिक्रिया दे रहा हूं। किसी लेख का विचारोत्तेजक होना और उस विचार के धरातल से जुड़े होने में अंतर है। इस समय बस्तर के हालात पर विचारों में उत्तेजना की नहीं वरन जरूरत है संयम की। १६००० करोड़ रुपयों के रेड कारिडोर और युद्ध जैसे हालात, रणनीतिक चूक या फिर सुरक्षा बलों की लापरवाही, बहस लंबी खिंच सकती है। खोज और तर्कों के अलावा भी हैं पत्रकारिता के मायने। मैं तो सरकार को यही कहना चाहूंगा कि समय रहते इस समस्या पर काबू पा ले अन्यथा भविष्य में यह समस्या दिवाकरजी, संजीतजी, अनिलजी, सोनलजी और मुझे- यानी हम सबको नेस्तनाबूत कर देगी। रायपुर आउंगा तो दिवाकर सर से जरूर मिलूंगा।anjeev pandeyhttps://www.blogger.com/profile/13492042985898080079noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-58807699207826082152010-04-07T23:13:10.900+05:302010-04-07T23:13:10.900+05:30दिवाकर जी ने वे सब बातें कह दी हैं जो मैं कहना चाह...दिवाकर जी ने वे सब बातें कह दी हैं जो मैं कहना चाहता था। मैं शायद इन्हें इस रूप में नहीं कह पाता। मुझे इस समस्या का प्रत्यक्ष अनुभव नहीं है। हालांकि चिंता उतनी ही है।<br />मुझे तो चिंता तब होती है जब यहाँ राजस्थान में कोई सिविल प्रशासन और न्यायप्रणाली से दुखी हो कर नक्सलियों की गतिविधियों को सही बताने लगता है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-88047406423012121762010-04-07T16:16:48.610+05:302010-04-07T16:16:48.610+05:30is chintneey vishy ko sarkaar itne halke dhang se ...is chintneey vishy ko sarkaar itne halke dhang se kyon leti haiबसंतीhttps://www.blogger.com/profile/05563723975660079541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-44117667600961706422010-04-07T16:12:55.742+05:302010-04-07T16:12:55.742+05:30आभार संजीत. दिवाकर भैया को बहुत दिनों बाद पढने का ...आभार संजीत. दिवाकर भैया को बहुत दिनों बाद पढने का मौका दिया आपने.दिवाकर भैया के कलम की ताकत तो सभी जानते हैं और इस समय तो उनकी बहुत ज्यादा ज़रुरत है.दिवाकर भैया को मैने ब्लाग लिखने के लिये तैयार कर लिया था लेकिन उस पर आगे कोई बात नही हुई.अब तुम उनके साथ हो तो उन्हे तैयार करने की ज़िम्मेदारी तुम्हारी है.ये ब्लाग जगत के लिये सौभग्य की बात होगी अगर वे यंहा लिखते हैं.उन्हे मेरा प्रणाम कहना.Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-49780298345539351402010-04-07T16:08:13.251+05:302010-04-07T16:08:13.251+05:30विचारो का ये तूफ़ान शांत नहीं होना चाहिए, विचारोते...विचारो का ये तूफ़ान शांत नहीं होना चाहिए, विचारोतेजक लेखsonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.com