tag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post2320290259964943492..comments2024-01-12T11:59:41.030+05:30Comments on आवारा बंजारा: स्कूल जाएं या नहींSanjeet Tripathihttp://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-13135135681787133472008-01-28T23:26:00.000+05:302008-01-28T23:26:00.000+05:30बहुत अच्छी संस्मरणात्मक पोस्ट लिखी है। बाबूजी की स...बहुत अच्छी संस्मरणात्मक पोस्ट लिखी है। बाबूजी की स्मृति को नमन!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-28371287519948086722008-01-28T17:03:00.000+05:302008-01-28T17:03:00.000+05:30श्रद्धा सुमन भावभीने नमन के साथ..श्रद्धा सुमन भावभीने नमन के साथ..Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-60805917809613671502008-01-28T16:49:00.000+05:302008-01-28T16:49:00.000+05:30बाबू जी के बारें में जितना भी तुम्हारी कलम से जाना...बाबू जी के बारें में जितना भी तुम्हारी कलम से जाना श्रद्धा उतनी ही बढती जाती है।आज के नेताऒं से तो किसी भी तरह उनका मुकाबला नहीं हो सकता। काश उनके जैसे जीवन मुल्यों वाले आज के नेता हो जायें तो...........anuradha srivastavhttps://www.blogger.com/profile/15152294502770313523noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-85811296983558805642008-01-28T12:47:00.000+05:302008-01-28T12:47:00.000+05:30संजीत भाई, वेदेमातरम ।बहूत अच्छा लगा पढकर, धन्य ...संजीत भाई, वेदेमातरम ।<BR/>बहूत अच्छा लगा पढकर, धन्य हैं आप जिन्हें ऐसा परिवेश मिला, यह एक सौभाग्य है । आपको तो पता ही है मैं मजाक में ही सहीं दिल में हकीकत को आत्मसाध करते हुए ही तुम लोंगों को चिढाता हूं 'स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजन' पर मन में एक गर्व पलता है कि किस्मत से मैं भी उन्हीं का हिस्सा बन पाया ।<BR/>संजीव36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-46373882820506727902008-01-28T08:21:00.000+05:302008-01-28T08:21:00.000+05:30संजीत जी,आपके संस्मरण एवं विचार मंथन ने बचपन की या...संजीत जी,<BR/>आपके संस्मरण एवं विचार मंथन ने बचपन की याद दिला दी.. मेरे पिता एक शिक्षक हैं और उनकी क्षत्र छाया में स्वतंत्र दिवस और गणतंत्र दिवस किसी त्यौहार जैसा ही मानते थे... एक दिन पहले गणवेश एवं नाटक इत्यादी से जुडे सामग्री को जमा करना.. दर्पण के सामने अपने संवाद, भाषण या कविता को पढ़ना... सब याद आगया... <BR/>धन्यवाद,<BR/>मनीषManish Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/03623764631790482982noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-83425357209498684042008-01-28T00:40:00.000+05:302008-01-28T00:40:00.000+05:30संजीत , आत्मीयता से यादें लिखी हैं। अच्छा लगा। उनक...संजीत , आत्मीयता से यादें लिखी हैं। अच्छा लगा। उनकी यादें आपके लिए थाती हैं। उन्हें संजोए रखें और अपने सार्वजनिक जीवन में उसकी झलक दिखलाते रहें।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-25490013687449947552008-01-27T21:50:00.000+05:302008-01-27T21:50:00.000+05:30वाह संजीत भाई ..कितना सजीव चित्रण किया है आपने......वाह संजीत भाई ..कितना सजीव चित्रण किया है आपने...जबरदस्त निखार आ रहा है आपकी लेखनी में...बधाईराज यादवhttps://www.blogger.com/profile/17058529284095114111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-80942764337996046202008-01-27T20:15:00.000+05:302008-01-27T20:15:00.000+05:30कुछ बातें और यादें ऐसी होती है जो हमारे जीवन को मो...कुछ बातें और यादें ऐसी होती है जो हमारे जीवन को मोड़ देती है। आपके बाबूजी के बारे मे पढ़कर अच्छा लगा।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-83184748136009839652008-01-27T19:06:00.000+05:302008-01-27T19:06:00.000+05:30बेहतरीन संस्मरण, भगवान करे आप को वो लास्ट की रिकॉर...बेहतरीन संस्मरण, भगवान करे आप को वो लास्ट की रिकॉर्डिग मिल जाएAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-51089023002615808422008-01-27T18:33:00.000+05:302008-01-27T18:33:00.000+05:30बाबूजी की स्मृति को नमन।आपका इलाका तो मुझे महान व्...बाबूजी की स्मृति को नमन।<BR/>आपका इलाका तो मुझे महान व्यक्तित्वों की खान लगती है। <BR/>आना पड़ेगाजी.ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-39301223247052689142008-01-27T18:16:00.000+05:302008-01-27T18:16:00.000+05:30बहुत सुन्दर सन्स्मरणीय पोस्ट संजीत। आपके बाबूजी के...बहुत सुन्दर सन्स्मरणीय पोस्ट संजीत। आपके बाबूजी के व्यक्तित्व के बारे में जान कर एक चित्र सा गढ़ने का प्रयास कर रहा हूं। उसमें रह रह कर मेरे अपने परिवार के बुजुर्गों का चित्र गड्ड-मड्ड हो जा रहा है। <BR/>याद रहेगी यह पोस्ट। <BR/>(जरा फॉण्ट साइज बड़ा करो, पढ़ने में थोड़ा असहज लगता है।)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7119634122493228421.post-61591790633551725842008-01-27T14:36:00.000+05:302008-01-27T14:36:00.000+05:30बेहतरीन यादें । मुझे अपना बचपन याद आया । भोपाल में...बेहतरीन यादें । मुझे अपना बचपन याद आया । भोपाल में पापा लाल परेड ग्राउंड पर ले जाते थे । परेड दिखाने । लकड़ी की बनी बेहद ठंडी गैलरीज़ । छब्बीस जनवरी को अकसर ही ठंड बहुत बढ़ जाया करती थी । परेड करते घुड़सवार सिपाहियों को देखकर अचछा लगता था । फिर किसी के घर कलर टी वी पर दिलली वाली परेड देखना । जसदेव सिंह की कॉमेन्ट्री । बिस्मिल्ला खां की शहनाई । सब कुछ सब कुछ बहुत याद आया और हां स्कूल में गुलाबी काग़ज़ में लपेटकर दिये जाने वाले बूंदी के लाल वाले लड्डू भी याद आए संजीत भाई । जिन्हें हम नुक्ती के लड्डू कहते हैं ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.com